मोबाइल नहीं मिलने से 12 साल के बच्चे ने फांसी लगाकर कर ली खुदकुशी


छिंदवाड़ा में मोबाइल नहीं मिलने से 12 साल के बच्चे ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। बच्चे की बड़ी बहन मोबाइल पर गेम खेल रही थी। उसने गेम खेलने के लिए मोबाइल मांगा, लेकिन बहन ने इनकार कर दिया। बच्चा नाराज होकर दूसरे कमरे में गया और फांसी पर झूल गया। ऐसी घटनाओं से बचने के लिए साइकोलॉजिस्ट की राय है कि बच्चे के व्यवहार में काफी समय से परिवर्तन रहता है। ऐसे में पेरेंट्स को नजर रखनी होगी। बच्चा अगर कभी गुस्सा हो जाता है बहुत खुश हो रहा है तो साइकोलॉजिस्ट को दिखाएं।

घटना बुधवार दोपहर जिले के परासिया में कोहका दमुआ गांव की है। पुलिस के मुताबिक 12 साल का मासूम रूकमनशा पुत्र दशरथ काकोडिया अपनी बड़ी बहन के साथ घर में मोबाइल देख रहा था। बहन मोबाइल पर गेम खेलने लगी। तभी रूकमनशा ने बहन से मोबाइल मांगा। उसने इनकार कर दिया। नाराज होकर वह दूसरे कमरे में गया। कमरे में फांसी पर झूल गया। काफी देर तक वह बाहर नहीं आया, तो उसके पिता दशरथ काकोडिया ने अंदर जाकर देखा तो उनके होश उड़ गए।
फंदे से नीचे उतारा तब तक तोड़ दिया था दम
जब तक उसे फंदे से उतारते तब तक बच्चा दम तोड़ चुका था। पुलिस भी घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची। इस दौरान डॉक्टरों की टीम भी गांव पहुंची। शव का पोस्टमार्टम किया गया। इसके बाद माता-पिता को शव सौंप दिया गया।

बच्चे का व्यवहार बदलने लगता है, ध्यान दें: साइकोलॉजिस्ट

मनोचिकित्सक रूमा भट्टाचार्य का इस घटना पर कहना है कि इस तरह की घटनाओं में हमें प्राथमिक कारण तो दिखाई देता है, लेकिन इसके पीछे हिस्ट्री में जाए तो किशोर अवस्था में बच्चे के व्यवहार में काफी समय से बदलाव आते रहता है। कभी बहुत गुस्सा होना या नाराज होना या फिर कभी बहुत खुश रहना। इसके पीछे की वजह इस अवस्था में हार्मोनल चेंज होना होता है। आत्महत्या करने वाले व्यक्ति में इमोशनल समस्या काफी लंबे समय से रहती है,लेकिन जागरूकता के अभाव में लोग समझ नहीं पाते। छोटे शहरों में बच्चे के व्यवहार में इस तरीके के परिवर्तन को लोग सोचते है कि यह तो ऐसा ही है, लेकिन बिलकुल ऐसा नहीं है क्योंकि आत्महत्या की कोई एक ही वजह नहीं होती है।

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