VIDEO राजू फौजी और पुलिस के बीच खत्म हुआ फासला-आठ माह से तलाश में भटक रही पुलिस को मिली कामयाबी, गोली लगने के बाद पकड़ा गया बदमाश


  भीलवाड़ा हलचल। भीलवाड़ा पुलिस के दो कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या करने के बाद से पुलिस को लगातार चकमा दे रहा राजू फौजी आखिरकार शनिवार सुबह करीब 6 बजे पुलिस के हत्थे चढ़ गया। यह कुख्यात बदमाश, जौधपुर के खोखरिया गांव में किसी से मिलने के लिए आया हुआ था और इसकी भनक लगने के बाद रात में ही पुलिस ने इलाके में घेराबंदी कर दी थी। सुबह बाइक पर जाते समय  जौधपुर व भीलवाड़ा पुलिस की संयुक्त टीम ने राजू फौजी को रोकने का प्रयास किया तो उसने फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की एक गोली राजू के पैर में लगी और वह जख्मी हो गया। इसके बाद पुलिस ने उसे दबोच लिया। फिल्हाल उसका पुलिस निगरानी में जौधपुर अस्पताल में उपचार किया जा रहा है। भीलवाड़ा से एएसपी चंचल मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम राजू फौजी को लेने जौधपुर जा रही है।  

जोधपुर व भीलवाड़ा पुलिस के अनुसार अजमेर रेंज आईजी एस सैंगाथिर की ओर से गठित विशेष टीम को शुक्रवार को सूचना मिली कि राजू फौजी जोधपुर के बनाड़ थाना इलाके के खोखरिया गांव में एक व्यक्ति से मिलने के लिए आया हुआ है। इस पर  अजमेर रेंज से आई टीम के साथ ही करीब दो दर्जन पुलिस अधिकारियों व व कमांडों की टीम को भेजा गया। टीम ने रात में ही बनाड़ थाना इलाके में घेराबंदी शुरू कर दी। पूरी रात निगरानी रखी। सुबह छह बजे राजू फौजी बाइक से भागने का प्रयास किया। पुलिस ने पीछा किया तो उसने गोली चला दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में उसके घुटने में गोली लगी। इसके बाद उसे दबोच लिया गया। राजू फौजी को कड़े सुरक्षा घेरे में  एमडीएम अस्पताल ले जाया गया। जहां उसका सीटी स्कैन व उपचार कराया गया। राजू खतरे से बाहर है। उसके सिर और कोहनी में भी चोट आई है।  सूत्रों की माने तो जोधपुर पुलिस के एक थानेदार के द्वारा चलाई गोली राजू के घुटने में लगी। उधर, आरोपित को जौधपुर से गिरफ्तार कर भीलवाड़ा लाने के लिए कांस्टेबल हत्याकांड की जांच कर रही एएसपी चंचल मिश्रा पुलिस टीम के साथ जौधपुर जा रही है। 
गौरतलब है कि आठ महीने पहले तस्करी की सूचना पर की गई नाकाबंदी के दौरान राजू फौजी ने फायरिंग कर कोटड़ी व रायला में दो कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। राजू को पकडऩे के लिए जोधपुर व भीलवाड़ा पुलिस की विशेष टीम गठित की गई थी। टीम लगातार राजू की तलाश में जुटी थी। आज सुबह टीम ने राजू के मोबाइल का आईपी एड्रेस ट्रेस करने में सफलता हासिल की और लोकेशन ढूंढ निकाली।

2005 में सीआरपीएफ से छुट्टी लेकर आया और लौटा ही नहीं
राजू विश्नोई उर्फ   राजूराम फौजी बाड़मेर जिले के डोली गांव का है। स्कूल की पढ़ाई पूरी करते ही राजू सीआरपीएफ में भर्ती हो गया। नौकरी लगने के बाद घरवालों ने शादी भी कर दी। उसमें पैसा कमाने की सनक थी। वर्ष 2005 में छुट्टी लेकर आया राजू ड्यूटी पर वापस लौटा ही नहीं। राजू कम समय में अधिक पैसा कमाने की चाह में तस्कर बन गया। सबसे पहले अफीम व डोडा की तस्करी की। इसके बाद उसने कई अपराध किए। सीआरपीएफ   में भर्ती होने के बाद से ही वह गांव में फौजी के नाम से प्रसिद्ध हो गया, जबकि उसने कभी फौज की नौकरी ही नहीं की।

भीलवाड़ा के दो थानेदार भी थे टीम में
राजू फौजी को दबोचने वाली टीम में भीलवाड़ा पुलिस के दो थानेदार सुनील चौधरी व सुरजीत ठोलिया भी शामिल थे। इनके साथ इनके थानों के कुछ जवान भी इस टीम में थे। 

अब तक 15 मामले दर्ज
राजू फौजी के खिलाफ  पहला मामला वर्ष 2005 में जोधपुर के शास्त्री नगर थाने में दर्ज हुआ। अब तक उसके खिलाफ 15 मामले दर्ज हो चुके हैं। राजू कई बड़े तस्करों से भी जुड़ा। 2013 से अपने स्तर पर तस्करी करने लगा। उसने अफीम व डोडा पोस्त की तस्करी में खूब पैसा कमाया। राजू ने कई लोगों को अपने साथ जोड़ लिया। कई हथियार भी जुटा लिए।

हार्डकोर कैलाश मांजू की सुपारी ली
हार्डकोर अपराधी कैलाश मांजू को अपने रास्ते से हटाने के लिए उसने हाल ही में लाखों रुपए में सुपारी ली थी। वह उसे मार पाता उससे पहले मामला खुल गया और उसके कुछ साथी पुलिस की पकड़ में आ गए। इस बीच उसने अफीम की बड़ी खेप लाने के दौरान भीलवाड़ा में पुलिस के 2 कांस्टेबल की हत्या कर दी।

खेती पर निर्भर है राजू का परिवार
राजू फौजी के परिचितों का कहना है कि उसके परिवार में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है। परिवार खेती पर निर्भर रहा है। राजू के दो भाई व तीन बहन थीं। एक बहन की मौत हो गई है। उसके तीन बच्चे भी हैं।


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