दिल्ली में डेरा

 



मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार के 3 साल के कार्यकाल का पूरा होने के बाद अब राजनीतिक नियुक्तियों की आस लगाए बैठे विधायक, नेता और कार्यकर्ताओं ने राजनीतिक नियुक्तियों में समायोजित होने के लिए कवायद तेज कर दी है। पार्टी के कई वरिष्ठ विधायक, नेता और कार्यकर्ताओं ने इन दिनों दिल्ली में डेरा डाल रखा है और नेताओं से मुलाकात करके राजनीतिक नियुक्तियों में समायोजित होने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं।
पिछले 2 सप्ताह से जयपुर और कई जिलों से कांग्रेसी कार्यकर्ता नेता दिल्ली पहुंचे हैं। जहां वे पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी अजय माकन, राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह और रणदीप सिंह सुरजेवाला से मुलाकात करके राजनीतिक नियुक्तियों में समायोजित करने की  कोशिश कर रहे हैं। यही नहीं कई पार्टी कार्यकर्ता और नेता ऐसे भी हैं जो संगठन विस्तार में प्रदेश कार्यकारिणी और जिलाध्यक्ष बनने के लिए दिल्ली से लॉबिंग कर रहे हैं।
राजनीतिक नियुक्तियों में समायोजित होने और जिलाध्यक्ष बनने के लिए भी रविवार को दिल्ली में कई नेताओं ने प्रदेश प्रभारी अजय माकन से मुलाकात की, जिस पर प्रदेश प्रभारी माकन ने नेता और कार्यकर्ताओं को जयपुर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासराऔर सचिन पायलट से ही मुलाकात कर अपनी बात उनके समक्ष रखने को कहा है।
सरकार के 3 साल के कार्यकाल पूरा होने के बाद कहा जा रहा है कि प्रदेश में राजनीतिक नियुक्तियां और संगठन विस्तार शीघ्र होगा। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी इसके संकेत दिए थे, जिसके बाद से ही राजनीतिक नियुक्तियों में समायोजित होने और जिलाध्यक्ष बनने के लिए कार्यकर्ता और नेता दिल्ली पहुंचे हैं।
गौरतलब है कि सरकार बनने के बाद से ही प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता 3 साल से राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार कर रहे हैं। अभी तक राजनीतिक नियुक्तियां नहीं होने को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं नेताओं ने पार्टी के शीर्ष नेताओं सहित राहुल गांधी को भी इसकी शिकायत कर चुके हैं, जिसके बाद राजनीतिक नियुक्तियों की सूची तैयार करने की कवायद शुरू हुई थी। सीएम गहलोत ने हाल ही में जोधपुर के दोनों नगर निगम में 24 नए मनोनीत पार्षदों की नियुक्ति तो जारी कर दी है। अब जयपुर और कोटा के चारों नगर निगमों में भी मनोनीत पार्षदों की सूची जारी होने का इंतजार किया जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि सीएम गहलोत नाराज और विधायकों को अधिक से अधिक राजनीतिक नियुक्तियों में जगह देकर संतुष्ट करने का प्रयास करेंगे। ऐसे में यह स्पष्ट है कि निगम बोर्ड और विभिन्न राजनीतिक नियुक्तियों में विधायकों को अहमियत मिलेगी। कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं को सदस्य ही बनाया जा सकेगा। आगामी 1 सप्ताह में राजनीतिक नियुक्तियों का दौर तेजी से शुरू हो जाएगा सबसे पहले 15 संसदीय सचिव बनाए जाने की रणनीति बना ली गई है और उसकी घोषणा कभी भी की जा सकती है। यह बात सही है कि विधायकों को राजनीतिक नियुक्तियां और संसदीय सचिव तो बनाया जाएगा लेकिन उन्हें मंत्री स्तर का दर्जा नहीं दिया जा सकेगा। लेकिन जो गैर विधायकों को राजनीतिक नियुक्तियों में स्थान मिलेगा उन्हें दर्जा मिल सकेगा।

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