अयोध्या की थीम पर बनाई गई यूपी की झांकी में दिखी राम मंदिर की झलक

नई दिल्ली । देश पूरे उमंग और उत्साह के साथ आज 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राजपथ पहुंचकर तिरंगा फहराया। इस अवसर पर राजपथ पर आयोजित परेड में पूरी दुनिया भारत की सांस्कृतिक विरासत और सैन्य ताकत की झलक देख रही है।  इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। इसके बाद राष्ट्रगान हुआ और 21 तोपों की सलामी दी गई।  इसके बाद परेड की शुरुआत हुई। बता दें कि इस बार परेड में कोई मुख्य अतिथि नहीं है। कोरोना महामारी के कारण ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने अपनी यात्रा रद कर दी है। इससे पहले 1952, 1953 और 1966 में भी गणतंत्र दिवस परेड के लिए कोई मुख्य अतिथि नहीं था। 

- पंजाब की झांकी में 9 वें सिख गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर की महिमा को दर्शाई गई। झांकी की थीम 'श्री गुरु तेग बहादुर की 400 वीं जयंती' है।

- राजपथ पर उत्तराखंड की झांकी में केदारनाथ मंदिर व राज्य पशु-कस्तूरी मृग की झलक देखने का मिली।


-अयोध्या- उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत की थीम पर बनाई गई उत्तर प्रदेश की झांकी में राम मंदिर की झलक दिखाई दी। अयोध्या में दिपोत्सव भी दिखाया गया।

- राजपथ पर गुजरात राज्य की झांकी में मोढेरा के सूर्य मंदिर को दर्शाया गया।

- गणतंत्र दिवस परेड में सांस्कृतिक झांकियों का प्रदर्शन शुरू हो गया है। इसमें लद्दाख सबसे आगे है। यह इस केंद्र शासित प्रदेश की पहली झांकी है। इसमें लद्दाख की संस्कृति और सांप्रदायिक सद्भाव को दर्शाया गया। झांकी की थीम-भविष्य का विजन है।

- गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर 841 रॉकेट रेजिमेंट (पिनाका) के पिनाका मल्टी लॉन्चर रॉकेट सिस्टम का नेतृत्व कैप्टन विभोर गुलाटी ने किया। 214 mm पिनाका MBRL दुनिया की सबसे एडवांस रॉकेट सिस्टम में से एक है। 

- राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की एक टुकड़ी  राजपथ पर मार्च करती हुई। इन्हें ब्लैक कैट कमांडो के रूप में भी जाना जाता है। 1984 में बल का गठन हुआ था।

- राजपथ पर मार्च करता केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल बैंड का दस्ता। इंस्पेक्टर शमशेर लाल बैंड का नेतृत्व कर रहे है।

- गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर मार्चिंग दस्ता गढ़वाल राइफल्स का नेतृत्व 17 वीं बटालियन के कैप्टन राजपूत सौरभ सिंह कर रहे हैं।

- राजपथ पर वायुसेना की झांकी। इस झांकी की थीम भारतीय वायुसेना शान से आकाश को छूते हुए है।

- गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर डिप्टी कमांडेंट घनश्याम सिंह की कमान में सीमा सुरक्षा बल का ऊंट दस्ता।

 

- राजपथ पर वायुसेना बैंड का दस्ता। वारंट ऑफिसर अशोक कुमार बैंड दस्ते का नेतृत्व कर रहे हैं।

- राजपथ पर नौसेना की झांकी। इस झांकी की थीम-स्वर्णिम विजय वर्ष है, इसमें 1971 में नौसेना के कराची बंदरगाह पर हमले को दर्शाया गया है।

- लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा गणतंत्र परेड का नेतृत्व परेड कमांडर के रूप में कर रहे हैं।

- गणतंत्र दिवस की परेड में राजपथ पर मार्च करता नौसेना के ब्रास बैंड का दस्ता। 

- गणतंत्र दिवस के मौके पर परमवीर चक्र विजेता और अशोक चक्र विजेता राजपथ पर परेड करते हुए।

- गणतंत्र दिवस की परेड में राजपथ पर मार्च करता बांग्लादेशी आर्मी का दस्ता। इसका नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल अबू मोहम्मद शाहनूर शवन कर रहे हैं। 122 सदस्यीय मजबूत दल पहली बार परेड में भाग ले रहा है। बता दें कि 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर जीत के उपलक्ष्य में स्वर्णिम विजय वर्ष मना रहा है। इस युद्ध के बाद ही बांग्लादेश अस्तित्व में आया था। 

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पहुंचकर देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यहां उनका स्वागत किया। इसके बाद वह राजपथ पहुंचे जहां वह परेड का गवाह बनेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने आज खास जामनगर की पगड़ी पहनी हुई है। इस तरह की पहली 'पगड़ी' पीएम को जामनगर के शाही परिवार ने उपहार में दी थी। उन्होंने इंडिया गेट पर नेशनल वॉर मेमोरियल में सेरेमोनियल बुक पर हस्ताक्षर किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत , चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल मनोज मुकुंद नरवाने और चीफ ऑफ नेवी स्टाफ एममिरल करमबीर सिंह भी मौजूद रहे।

 

दिल्ली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम 

गणतंत्र दिवस समारोह के मद्देनजर दिल्ली में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पूरी राजधानी अभेद्य किले में तब्दील हो गई है। जमीन से लेकर आसमान तक कड़ा पहरा है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस व पैरा मिलिट्री तैनात है। सोमवार रात 12 बजे से ही दिल्ली की सभी  सीमाएं सील कर दी गई हैं। इंट्री उन्हें ही मिलेगी, जिन्हें अति आवश्यक काम होगा। 

1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान नौसैन्य अभियान की झांकी प्रस्तुत करेगी नौसेना

परेड के दौरान थल सेना की ब्रह्मोस मिसाइल की मोबाइल प्रक्षेपण प्रणाली, जंगी टैंक टी-90 भीष्म, इनफैन्ट्री कॉम्बैट वाहन बीएमपी-दो सरथ और रॉकेट सिस्टम पिनाका समेत अन्य अपना दमखम दिखाएंगी। वहीं नौसेना आइएनएस विक्रांत और 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान नौसैन्य अभियान की झांकी प्रस्तुत करेगी। वायुसेना हल्के लड़ाकू विमान तेजसऔर टैंक रोधी मिसाइल ध्रुवास्त्र पर पेशकश दिखाएगी। राफेल के अलावा वायु सेना के 38 और थल सेना के चार विमान परेड में हिस्सा लेंगे। 

क्या देखने को मिलेगा पहली बार

राफेल लड़ाकू विमानों द्वारा फ्लाईपास्ट के अलावा राजपथ पर इस बार कोरोना वैक्सीन की झांकी दिखाई जाएगी। लद्दाख की झांकी भी पहली बार देखने को मिलेगी। इसके अलावा भावना कांत गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने वाली पहली महिला फाइटर पायलट होंगी। अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में तैनात सैनिकों की भागीदारी भी लोगों को काफी रोमांचित करेंगी।

 

कोरोना के कारण बहुत चीजें देखने को नहीं मिलेंगी

कोरोना के मद्देनजर शारीरिक दूरी के नियमों का पालन सुनिश्चित किया गया है। थर्मल स्क्रीनिंग, सैनिटाइजर और फेस मास्क की भी व्यवस्था की गई है। इसके चलते केवल 25,000 लोगों को राजपथ पर समारोह देखने के लिए आने की अनुमति दी गई है। आम तौर पर हर साल होने वाले इस आयोजन में एक लाख से अधिक दर्शक शामिल होते हैं। इस साल परेड भी छोटी होगी। लाल किले तक मार्च करने के बजाय राष्ट्रीय स्टेडियम में परेड समाप्त होगी। लाल किले तक केवल झांकियों के जाने की अनुमति होगी। मोटरसाइकिल स्टंट भी देखने को नहीं मिलेगा। 

 

 

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