प्रदेश के शराब व्यापारियों को मिली बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई एसवीएफ पेनेल्टी पर रोक
भीलवाड़ा हलचल। कोरोना काल के दौरान शराब की दुकानों पर कम विक्रय पर सरकार की ओर से लगाए जुर्माना वसूली पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। इस जुर्माने पर रोक लगाने के लिए राज लिकर वेलवेयर सोसायटी की ओर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया था। शराब कारोबारी चमन टांक व कैलाश सुवालका सेशनकोर्ट वाले ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस बार शराब का बेचान कोरोना के चलते कम हो पाया,ऐसे में आबकारी विभाग की ओर से लगाई जाने वाली एसवीएफ (स्पेशल वेंड फीस) का बोझ फिर से व्यापारियों पर डाला गया। ऐसे में सोसायटी ने सरकार के पास अपना पक्ष रख राहत की मांग की लेकिन कोई छुट नहीं मिलने पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया,लेकिन वहां राहत नहीं मिलने पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां आज राहत मिली,जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से एसवीएफ पेनल्टी वसूली पर रोक लगाई। मदिरा व्यवसायी नाथू लाल किसान वाटिका व डालचंद सुवालका कोटा रोड ने बताया कि एडवोकेट आषुतोष भाटिया की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेरवी करते हुए शराब कारोबारियों का पक्ष रखा गया,जिससे यह बड़ी राहत मिल सकी। भीलवाड़ा के लाइसेंसी मदिरा व्यवसाइयों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर हर्ष व्यक्त किया है।
क्या है एसवीएफ (स्पेशल वेंड फीस) आबकारी विभाग की ओर से पिछली साल दुकानवार हुई बिक्री के आधार पर नई दुकान को दस प्रतिशत अतिरिक्त बिक्री का टारगेट दिया जाता है। टारगेट पूरा नहीं होने पर 180 रूपए प्रति पेटी अंग्रेजी शराब और 78 रूपए प्रति बीयर पेटी पर वसूली जाते है। |
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें