जहरीली शराब का पहले भी दंश झेल चुका भीलवाड़ा, जिम्मेदार नहीं लेते हैं सबक , इसलिये होती है घटना की पुनरावृत्ति

 


 भीलवाड़ा हलचल। भीलवाड़ा में जहरीली हथकढ़ शराब पीने से मौतों की कोई पहली घटना नहीं है। यहां पूर्व में भी दो घटनायें घटित हो चुकी है। इनमें से एक में सात, जबकि दूसरी में चार लोगों की जान जा चुकी है। वहीं 5 अन्य लोगों की आंखों की रोशनी तक छीन गई थी। 
बता दें कि जिले के गुलाबपुरा थाना सर्किल के कंवलियास में लोकसभा चुनाव 2004 में मतदाताओं को रिझाने के लिए बांटी गई शराब जहरीली होने से सात लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 5 की आंखों कीरोशनी चली गई। 6 मई 2004 की इस घटना में कंवलियास के चार, बड़ला, रायला व बलवंतपुरा के एक-एक व्यक्ति की मौत हुई थी। 
इसी तरहमांडल थाने के अमरगढ़ क्षेत्र में 18 नवंबर 08 में जहरीली शराब पीने से चार लोगों की मौत हो गई थी। लेकिन प्रशासन ने माना था कि जहरीला पिथाइन पीने से ये मौतें हुई है। 

सबक नहीं लेते हैं जिम्मेदार
भीलवाड़ा जिला जहरीली शराब का दंश कई बार झेल चुका है। लेकिन जिम्मेदार आबकारी और पुलिस महकमा इन घटनाओं से सबक नहीं लेता है। यही वजह है जिससे कि यह हथकढ़ शराब का कारोबार तेजी से फल-फुल रहा है और जहरीली शराब से मौतों की घटनाओं की पुनरावृत्ति हो रही है। जानकारों की माने तो अवैध शराब के गढ़ मालोला, बागौर, पंडेर, मांडलगढ़, कोटड़ी व बनेड़ा क्षेत्र है। वहीं शहर की कावांखेड़ा, तिलकनगर, मालोला, आरसी व्यास नगर कच्ची बस्ती, पटटी मार्केट भी हथकढ़ शराब तस्करों के ठिकाने हैं। 

 


 

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