प्रोजेक्ट की लागत 60 प्रतिशत तक घटाने का विरोध, मूल रूप में योजना लागू करने की मांग

 


भीलवाड़ा बीएचएन. 

मेवाड़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को प्रतिवेदन भेजकर मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना में आवेदित प्रोजेक्ट में उद्योग विभाग की ओर से  प्रोजेक्ट की लागत 60 प्रतिशत तक घटाने का विरोध करते हुए योजना को मूल रूप में लागू करने की मांग की है।
मेवाड़ चेम्बर के मानद महासचिव आर के जैन ने बताया कि राजस्थान सरकार ने वर्ष 2019 में सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्योग प्रोत्साहन योजना 2019 घोषित की थी। योजना अंतर्गत नवीन उद्योग के साथ-साथ वर्तमान उद्योग के विस्तार हेतु ब्याज अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। दिसम्बर 2021 में आयोजित जिला स्तरीय इन्वेस्ट समिट में कई लघु एवं मध्यम उद्यमियों ने  इस योजना के तहत आवेदन किया था।
जैन ने बताया कि कई उद्यमियों के आवेदित प्रोजेक्ट में राज्य उद्योग विभाग ने बजट आवंटन की कमी के कारण इस योजना के तहत लाभों को अस्वीकार या कम किया जा रहा है। उद्यमियों को योजना का आकार 40 से 60 प्रतिशत तक कम करने की सलाह दी जा रही है।  प्रोजेक्ट का आकार कम करने से उसकी वित्तीय व्यवहारिता पर ही प्रश्न चिन्ह लग गया है। इससे निवेशकों में भारी निराशा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नाम से चलाई जा रही राजस्थान राज्य की महत्वपूर्ण उद्योग प्रोत्साहन निवेश योजना है जो कि लघु एवं मध्यम उद्योगों के विकास के लिए एक मिल का पत्थर साबित हो रही थी लेकिन योजना का आकार घटाने या लाभ कम करने से इस योजना का मूल रूप ही समाप्त  हो गया है। मेवाड़ चेम्बर ने अपने प्रतिवेदन में योजना को 2019 में घोषित मूल रूप में लागू करने एवं उसके अनुसार आवेदनों को स्वीकार करने की मांग की  है।

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