रक्त की कमी ने ली बहन की जान तो भाई ने लिया संकल्प अब नहीं जायेगी किसी की जान


 सवाईपुर सांवर वैष्णव.

सवाईपुर कस्बे के आकोला ग्राम पंचायत के खजीना गांव के एक युवक ने आज से 21 वर्ष पूर्व एक संकल्प लिया था, जिसको वह अभी तक निभाता आ रहा है, जिसको लोग रक्त क्रांतिवीर या चलता फिरता ब्लड बैंक भी कहते हैं | आज हम विश्व रक्तदान दिवस पर बात करने जा रहे हैं, एक ऐसे शख्सियत की जिसने रक्तदान का अर्धशतक पूरा कर लिया | हम बात कर रहे हैं खजीना के किसान परिवार में जन्म 35 वर्षीय गणपत जांगीड़ कि 21 वर्ष पूर्व उनकी बड़ी बहन नीला जांगीड़ की तबीयत खराब हो गई, जिसके बाद उसे परिजन भीलवाड़ा जिला मुख्यालय की एक निजी चिकित्सालय में लेकर गये, जहां पर डॉक्टरों ने एक यूनिट रक्त चढ़ाने के लिए कहा | लेकिन उस वक्त समय पर रक्त नहीं मिलने के चलते उनकी बहन ने उनकी आंखों के सामने दम तोड़ दिया | बहन की मौत का गणपत को गहरा सदमा लगा और उसने उस ही दिन मन ही मन में एक संकल्प लिया कि अब मैं खून की कमी के चलते किसी बहन बेटी या किसी को भी नहीं मरने दूंगा, जिस किसी को खून की जरूरत होगी तो मैं वहां तुरंत पहुंच जाऊंगा और उसने उस संकल्प को पूरा करते हुए आज 21 वर्ष पूरे हो गए | अब तक दुर्लभ ब्लड ग्रुप बी-नेगेटिव 50 बार रक्तदान कर चुका है | आज भी सोशल मीडिया या मोबाइल फोन पर रक्त की जरूरत होने की सूचना मिलते ही गणपत रक्त देने पहुंच जाता है | गणपत ने बताया कि उसने उदयपुर में सात बार, जयपुर में तीन बार, अजमेर व ऋषिकेश में दो-दो बार, अहमदाबाद में एक बार सहित कई बार भीलवाड़ा जिले में लगने वाले रक्तदान शिविर में पहुंचकर रक्तदान कर चुके हैं | साथ ही 5 बार एसडीपी प्लेटलेट्स दान किया |गणपत सहयोग सेवार्थ फाउंडेशन व जीवन ज्योति रक्तदान समूह के माध्यम से सबसे ज्यादा रक्तदान किया | वही गणपत अपने स्वयं के खर्चे से दूसरे शहर व जिलों में जाकर रक्तदान करते हैं | 12 सितंबर 2018 को गणपत ने किडनी दान करने की घोषणा की, वही 30 दिसंबर 2019 को मेडिकल कॉलेज भीलवाड़ा में देहदान का संकल्प पत्र प्राचार्य डॉ. राजन नंदा को सौंपा | वहीं क्षेत्र में कहीं भी किसी भी परिवार को रक्त की जरूरत होती है तो वह गणपत को ही फोन पर सूचना करते हैं और गणपत उन लोगों को रक्त मुहैया करवाता है | साथ ही गणपत अपने आसपास की ग्राम पंचायतों पर भी प्रतिवर्ष रक्तदान शिविर का आयोजन करवाते हैं, जिसे क्षेत्र के कई युवा आकर रक्तदान करते हैं ||

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