| भीलवाड़ा हलचल जिलेभर में आज योग दिवस उत्साह के साथ मनाया गया स्कूल पंचायत के साथ ही विभिन्न स्थानों पर सामूहिक रूप से योगाभ्यास किया गया। पीपलूंद में मनाया गया आठवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पीपलूंद( दुर्गेश रेगर) राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय प्रांगण में आठवां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पीपलूंद सरपंच वेद प्रकाश खटीक की अध्यक्षता में मनाया गया सरपंच ने स्वयं योग शिक्षक की भूमिका निभाई अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर सरपंच वेद प्रकाश खटीक ने कहा की योग को तीन भागों में बांटा गया है व्यायाम, आसन, एवं प्राणायाम, जिसमें कपालभाति, अनुलोम, विलोम, शीर्षासन, सूर्य नमस्कार, वज्रासन, सिंहासन, मकरासन, भुजंगासन के अलावा अन्य कई महत्वपूर्ण योगासन है योगासन से शरीर के कई बीमारियों को दूर किया जा सकता है जिसमें मुख्य हृदय रोग, मस्तिष्क रोग, पेट रोग, डिप्रेशन, मानसिक रोग, कमर दर्द, घुटना दर्द, के अलावा अन्य कई रोग से नियमित योगासन से छुटकारा पाया जा सकता है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रोटोकॉल के अनुसार सभी को योगासनों और प्राणायाम का अभ्यास करवाया तथा प्रभारी कालूराम मीणा ने संकल्प का दोहरान करवाया व सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया कार्यक्रम में पीपलूंद पीईईओ क्षेत्र के समस्त अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
राजयोग मेडिटेशन से हमारी आत्मा की शक्तियां जागृत होती है-संगीता बहन शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी शाहपुरा के गांधीपुरी में स्थित ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के स्थानीय राजयोग केंद्र की ओर से मंगलवार को विश्व योग दिवस के मौके पर मुखर्जी उद्यान में योग शिविर का आयोजन समारोह पूर्वक किया गया। केन्द्र प्रभारी बीके संगीता बहन के निर्देशन में आयोजित इस योग शिविर में योग प्रशिक्षक सरोज राठौड़ ने उपस्थित सभी साधकों को योग कराया। उन्होंने योग के विभिन्न आसन कराते हुए उनके होने वाले लाभ के बारे में भी बताया। इस दौरान योग की विभिन्न क्रियाएं कराई गईं और स्वास्थ्य रहने का संदेश दिया गया। इस मौके पर बीके संगीता बहन ने योग के साथ राजयोग भी कराया। इस दौरान उपस्थित लोगों ने प्राणायाम, कपाल भांति, भ्रमरी समेत योग प्रोटोकाॅल के तहत प्रशिक्षक की देख रेख में क्रमवार योग कर शरीर को स्वस्थ रखने का प्रयास किया। इसके साथ मन के संतुलन के लिए ब्रह्माकुमारीज संस्थान में सिखाये जाने वाले राजयोग का भी अभ्यास किया। इसमें बड़ी संख्या में महिलायें, पुरुष, स्कूली बच्चे उपस्थित थे। बीके संगीता बहन ने कहा कि शारीरिक योग, प्राणायाम से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है, वहीं राजयोग मेडिटेशन से हमारी आत्मा की शक्तियां जागृत हो जाती हैं। इससे मन शक्तिशाली हो जाता है और मन में सकारात्मक व शुद्ध विचार उत्पन्न होने लगते हैं। योग तो हमारी प्राचीन संस्कृति और भारत की परंपरा रहा है। राजयोग मेडिटेशन के प्रयोग से हजारों हृदय रोगी स्वस्थ हो गए हैं। उनका हार्ट के ब्लाकेज अब पूरी तरह से खुल गए हैं और सामान्य जिंदगी जी रहे हैं। बीके संगीता बहन ने गीता में वर्णित योग का सार समझाते हुए कहा कि योग की आवश्यकता तब होती जब मनुष्य आहार, विहार, व्यवहार, विचार,आचार में अपनी चर्म सीमा को पार कर अधर्म पर चल पड़ता है, तब परमात्मा आकर योग सिखलाते हैं। गीता अनुसार योग से दैवी संपदा अर्थात स्वर्णित दुनिया की स्थापना के साथ-साथ विकारों-काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार जो आत्मा में आसुरी संपदा है का नाश होता है। काम से क्रोध की उत्पत्ति होती, क्रोध से बुद्धि का नाश होता है, जिससे सर्वनाश हो जाता है। इस अवसर पर राहुल भैया, रामस्वरूप काबरा, शिवप्रकाश सोमाणी, ओमप्रकाश मूंदड़ा, कोच मनोहरसिंह यादव, प्रहलाद सनाठ्य आदि का विशेष योगदान रहा।
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