ज्ञानवापी में जाने से रोका तो अविमुक्तेश्वरानंद अनशन पर बैठे
ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिले शिवलिंग की पूजा के लिए आज ज्ञानवापी जाने वाले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को पुलिस ने केदार घाट स्थित श्री विद्यामठ से बाहर निकलने से रोक दिया। इससे नाराज स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद मठ के दरवाजे पर ही धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि जबतक हम दर्शन-पूजन नहीं कर लेते तब तक हम अन्न-जल ग्रहण नहीं करेंगे। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि एक बार कोई पूजा के लिए निकल जाता है तो बिना पूजा किए भोजन नहीं करता है। हम भी पूजा के लिए निकल चुका थे। अब जबतक पूजा नहीं कर लेते भोजन नहीं कर सकते हैं। अब मठ में वापस भी नहीं जा सकते हैं। इसलिए पूजा की इजाजत मिलने तक गेट पर ही बैठेंगे। मीडिया से बात करते हुए कहा कि या तो ज्ञानवापी के शिवलिंग की उन्हें पूजा करने दिया जाए, या फिर प्रशासन पूजा-पाठ कर उन्हें अवगत कराए। अगर मामला कोर्ट में लंबित है तो क्या हमारे भगवान तबतक भूखे रहेंगे।
विद्यामठ के आसपास तगड़ी घेराबंदी, जगह-जगह फोर्स तैनातश्रीविद्या मठ का क्षेत्र छावनी में तब्दील है। भारी संख्या में फोर्स तैनात है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने पूजा के लिए पुलिस कमिश्नरेट से इजाजत मांगी थी जिसको खारिज कर दिया गया था। शुक्रवार शाम से कई थानों की पुलिस ने उनके श्री विद्यामठ के आसपास तगड़ी घेराबंदी कर रखी है। अनशन पर बैठे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद - मठ की ओर आने-जाने वाले रास्ते पर बैरिकेडिंग की गई है। शिवलिंग की पूजा के लिए इजाजत मांगने पर पुलिस उपायुक्त काशी जोन आरएस गौतम ने एक प्रेस नोट जारी किया। इसमें पुलिस ने साफ तौर पर कहा गया है कि जिस जगह की इजाजत मांगी जा रही है, वह परिसर कोर्ट में वाद विचाराधीन है। 71 लोगों के साथ गंगा के रास्ते ज्ञानवापी जाने का था एलानश्री विद्यामठ के बाहर तैनात फोर्स स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया था कि वह शंकराचार्य के आदेश पर शनिवार को श्री विद्यामठ से सुबह 8:30 बजे नौका से केदारघाट से ललिताघाट पहुंचेंगे। वहां से गंगाजल लेकर शिवलिंग की पूजा के लिए जाएंगे। उनके साथ एक ब्रह्मचारी, 64 भक्त और पांच पंडित रहेंगे। उन्होंने कहा कि वो किसी भी तरह का उन्माद या अशांति नहीं फैलाएंगे, लेकिन वो पूजा करने जरूर जाएंगे। |
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