कांग्रेस अब सत्याग्रह को गांव-गांव तक ले जाएगी मिडनाइट बैठक में फैसला गहलोत भी हुए शामिल

 


  कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि ईडी कार्यालय में सुबह करीब साढ़े 11 बजे से शुरू हुई राहुल गांधी से पूछताछ देर रात तक चलेगी। लंच के बाद में एक बार फिर से राहुल गांधी से शुरू हुई ईडी कार्यालय में पूछताछ का सिलसिला जब लंबा चलने लगा, तो कांग्रेस के नेताओं ने पार्टी मुख्यालय में चिंता और चिंतन का दौर शुरू कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, रात को बैठक में न सिर्फ सोमवार को हुई राहुल गांधी से हुई लंबी पूछताछ और देशभर में हुए प्रदर्शन को लेकर के चर्चा हुई। बल्कि इस बात को लेकर निर्णय लिया गया कि पार्टी अब इस सत्याग्रह को गांव-गांव तक ले जाएगी।

सोमवार देर रात करीब दस बजे के करीब राहुल गांधी से पूछताछ खत्म हुई, लेकिन मंगलवार को भी पूछताछ के लिए राहुल को बुलाया गया। वहीं सोमवार तकरीबन रात आठ बजे कांग्रेस पार्टी कार्यालय पर  कुछ वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठकों का दौर शुरू होता है। बैठक में छत्तीसगढ़-राजस्थान के मुख्यमंत्री समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहते हैं। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक नेताओं ने न सिर्फ सोमवार को हुए बड़े विरोध प्रदर्शन को लेकर के चर्चा की, बल्कि सबसे ज्यादा चर्चा और चिंता राहुल गांधी के साथ चल रही ईडी की लंबी पूछताछ को लेकर के रही। 
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि सोमवार को देर रात हुई बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और राज्य सभा सांसद राजीव शुक्ला समेत अजय माकन और कई अन्य नेताओं ने तय किया कि जिस तरीके से सोमवार को कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ताओं ने आंदोलन बड़ा किया है उससे कांग्रेस को एक बड़ी उम्मीद जगी है। कांग्रेस नेताओं ने तय किया कि सोमवार को कार्यकर्ताओं के इस करंट का भारतीय जनता पार्टी के विरोध में बेहतर तरीके से न सिर्फ जमीन पर उतार कर आंदोलन किया जाएगा, बल्कि अक्तूबर में होने वाली पदयात्रा से पहले इसको और ज्यादा बड़े स्तर पर राज्यों से लेकर शहरों तहसील और कस्बों तक में पहुंचाया जाएगा।

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी को सबसे ज्यादा चिंता इस बात की है कि जिस तरीके से राहुल गांधी ने सोमवार को ईडी के सामने पेश होकर के उनके सवालों का जवाब दिया, क्या उसी तरीके से कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी भी 23 जून को होने वाली पूछताछ में हिस्सा लेगीं। दरसल, कांग्रेस के वरिष्ठ एक नेता कहते हैं कि सोनिया गांधी न सिर्फ बीमार रहती हैं बल्कि इस वक्त भी अस्पताल में दाखिल है। इसलिए सबसे ज्यादा चिंता का विषय सोनिया गांधी के लिए बना हुआ है।

हालांकि, पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सोमवार को देर रात हुई कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ यह तय हो चुका है कि अब इस आंदोलन को देश की राजधानी से लेकर प्रदेश की राजधानी और जिला मुख्यालय से लेकर शहरों और गांवों तक ले जाया जाएगा। इसके लिए बाकायदा उदयपुर में हुए चिंतन शिविर के दौरान तैयार की गई कमेटियों को जिम्मेदारियां भी सौंपी जा चुकी है।

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