अधिवक्ता आत्मदाह प्रकरण- वकीलों में रोष, कई जगह प्रदर्शन, सौंपे ज्ञापन

 

 भीलवाड़ा बीएचएन। 

खंडेला में वकील हंसराज मावलिया के प्रशासनिक अधिकारियों की प्रताडऩा से परेशान होकर आत्मदाह करने की घटना को लेकर जिलेभर के अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त है। शुक्रवार को जिले में कई स्थानों पर अधिवक्ताओं ने घटना की निष्पक्ष जांच कर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई कर सजा दिलाने की मांग की। साथ ही मृतक के परिजन को सरकारी नौकरी दिलाने की मांग की। वकीलों ने कहा कि अगर शीघ्र मामले की जांच कर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन किया जाएगा। 
गुलाबपुरा में अभिभाषक संघ ने खंडेला में हुई इस घटना पर गहरा दुख प्रकट करते हुये दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और मामले की निष्पक्ष जांच करने और मृतक परिजनों को सरकारी नौकरी दिलाने  की मांग की। इस अवसर पर अभिभाषक संघ अध्यक्ष परमेश्वर शर्मा, गौतम कुमार बम्ब, प्रदीप रांका, राजेश मेहता, रामस्वरुप शर्मा, ललित धनोपिया, राजेश पारीक, मोहम्मद निसार, सांवरनाथ योगी, बलवंत आमेटा, सुरेश दाधीच, रेखा चौहान आदि अधिवक्ता मौजूद रहे। 
 
 शाहपुरा में प्रदर्शन  
शाहपुरा संवाददाता के अनुसार
, अभिभाषक संस्था शाहपुरा के तत्वावधान में शुक्रवार को सीकर के अधिवक्ता द्वारा भ्रष्ट सरकारी सिस्टम से तंग आकर आत्मदाह करने के मामले को लेकर आज अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री के नाम पर उपखंड अधिकारी को ज्ञापन दिया। 

अभिभाषक संस्था शाहपुरा के अध्यक्ष मोहम्मद शरीफ की अगुवाई में  कोर्ट परिसर से अधिवक्ताओं ने जुलूस निकाला, जो  उपखंड अधिकारी कार्यालय गया। वहां कार्यालय के बाहर अधिवक्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। मुख्यमंत्री के नाम पर नायब तहसीलदार भूपेंद्र सिंह राणावत को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में कहा गया है कि अधिवक्ता हंसराज द्वारा भ्रष्ट सरकारी सिस्टम से तंग आकर आत्मदाह करना सम्पूर्ण न्याय व्यवस्था से जुड़े हुए लोगों के लिये एक दुखद पहलु है। अधिवक्ता हंसराज की आत्मदाह में दोषी एसडीएम व थानाधिकारी को सजा दिलाने की मांग की है। इसके अलावा ज्ञापन में वकील साथी को हर्जाना व सरकारी नौकरी की पुरजोर मांग की गई है।  
अभिभाषक संस्था  ने राज्य सरकार से मांग की है कि हंसराज द्वारा जिस प्रकार का कदम उठाया गया है इस प्रकार का कदम भविष्य में किसी दूसरे अधिवक्ता को नहीं उठाना पड़े, इसके लिये सरकार से उम्मीद है इस मांग को संजिदा लेते हुए राजस्व मुकदमों की सुनवाई का अधिकार न्यायिक अधिकारियों को दिलाने का कानून अपने सदन में पास करावें। 
इस दौरान संस्था अध्यक्ष मोहम्मद शरीफ, वरिष्ठ अधिवक्ता शिवराज कुमावत, दीपक पारीक, चावंड सिंह शक्तावत, आशीष पालीवाल, विनोद सनाढ्य, अक्षय राज रेबारी, संजय सिंह हाडा, अरविंद सिंह चौहान, अरविंदसिंह राणावत, विजय पाराशर, किशन खटीक, राहुल पारीक, पन्ना लाल खारोल आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।

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