वियायक पुत्र व भांजे से ठेका दिलाने के नाम पर ढाई लाख रुपये की

 

 ठगी

 

जयपुर। कांग्रेस विधायक सुरेश मोदी को एक साइबर ठग ने वाट्सअप काल कर खुद को जापानी कंपनी का महाप्रबंधक बताया। कंपनी का काम दिलवाने के का झांसा देकर सुरेश मोदी के पुत्र व भांजे से ढाई लाख रुपये की रकम ठग ली। इस संबंध में सुरेश मोदी के भांजे रवि कुमार ने जयपुर के सांगानेर पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया है। मामले की जांच थाना अधिकारी भवानी सिंह राजपूत कर रहे हैं। पुलिस के अनुसार, पिछले दिनों विक्रांत कौशिक नाम के एक व्यक्ति ने खुद को सरेश मोदी को वाट्सअप काल किया और उनके निर्वाचन क्षेत्र नीमका थाना का निवासी होना बताया। पुलिस मामले की जांच कर रही है

उसने खुद को नीमराणा में एक जापानी कंपनी का महाप्रबंधक बताते हुए कहा कि हम कई ठेके देते हैं। कोई व्यक्ति ठेका लेने वाला हो तो बताना, अच्छा मुनाफा मिलेगा। इस पर झांसे में खुद सुरेश मोदी फंस गए और उन्होंने अपने पुत्र रोहित और भांजे रवि कुमार को ठेका दिलवाने के लिए कहा। सुरेश मोदी के कहने पर रवि और रोहित ने फोन करने वाले से बात की और छह जून को डेढ़ लाख रुपये की रकम उसके खाते में जमा करवा दी। इसके बाद सात जून को एक लाख रुपये की रकम जमा करवा दी। पैसे जमा करवाने के बाद रवि ने कंपनी के बारे में पता किया तो खुद के साथ ठगी होने का अहसास हुआ। पड़ताल में सामने आया कि काल करने वाले व्यक्ति द्वारा बताई गई कोई कंपनी अस्तित्व में नहीं है। इस पर मंगलवार शाम को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई।इससे पहले विभिन्न इंश्योरेंस कंपनियों में पूंजी निवेश का झांसा देकर सार्वजनिक निर्माण विभाग के सेवानिवृत्त सहायक अभियंता से 77 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया था। आनलाइन ठगी के मामले में उदयपुर पुलिस दक्षिणी दिल्ली से एक महिला आरोपित को गिरफ्तार कर उदयपुर लेकर आई। ठगी में उसके साथ पूरा गिरोह सक्रिय है। पुलिस अधीक्षक कैलाशचंद्र विश्नोई ने बताया कि हिरणमगरी सेक्टर चौदह निवासी सेवानिवृत्त एइएन भंवरलाल रजक से ठगी के मामले में दक्षिणी दिल्ली से विनिता पत्नी शहजाद खान को गिरफ्तार किया है। भंवरलाल रजक ने गत पांच अप्रेल को गोवर्द्धनविलास थाने में ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें उन्होंने बताया कि वह साल 2014 में विभाग से सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने टाटा एआईजी, रिलायंस और मैक्स लाइफ इंश्योरेंस व अन्य कंपनियों में अपनी पूंजी निवेश की थी। उसके पास अलग-अलग नंबरों से काल आते हैं, जो स्वयं को इन कंपनियों का प्रतिनिधि बता दिल्ली हेड आफिस से बात करना बताते और झांसा देते हैं। पूंजी निवेश करने पर बहुत बड़ी धनराशि बोनस के रूप में मिलेगी। इस पर उसने बताई गई कंपनियों में पूंजी निवेश किया और इस तरह चार वर्षों में कुल 76 लाख 57 हजार 854 रुपये जमा करवाए। इस पर थानाधिकारी भवानी सिंह राजावत की अगुवाई में आइओ रामनारायण ने जांच की। टीम ने जिन बैंक खातों में राशि जमा कराई उसके आधार पर जांच की। अधिकांश बैंक खाते व मोबाइल नाम पते दिल्ली व आसपास के पाए गए। जांच में सभी नाम पते व बैंक खाताधारकों के नाम फर्जी पाए गए। 

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