वाराणसी सीरियल ब्लास्ट के दोषी वलीउल्लाह को फांसी की सजा


वाराणसी सीरियल ब्लास्ट मामले में अदालत ने फैसला सुना दिया है। गाजियाबाद की अदालत ने बमकांड के दोषी वलीउल्लाह को फांसी की सजा सुनाई है। सात मार्च 2006 को वाराणसी में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। कोर्ट ने संकटमोचन मंदिर में विस्फोट व दशाश्वमेध मार्ग पर बम बरामद होने के मामले में वलीउल्लाह को दोषी माना । बनारस के लोगों और पीड़ित परिवारों का कहना है कि निर्दोष लोगों की हत्या के दोषी वलीउल्लाह को फांसी मिलेगी तभी दिल को सुकून मिलेगा।

सात मार्च 2006 की वह भयावह शाम में जगह-जगह पड़े मांस के लोथड़ों के बीच शुरू हुई पड़ताल में दहशतगर्दों तक पहुंचने के लिए पुलिस के पास कोई सुराग तक नहीं था। मगर, पुलिस ने एसटीएफ और एटीएस के साथ मिलकर जांच शुरू की तो कॉल डिटेल खंगालने में ही बनारस ब्लास्ट को अंजाम देने वालों की शिनाख्त शुरू हो गई।तत्कालीन उपाधीक्षक भेलूपुर त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी ने विवेचना शुरू की तो कल डिटेल में बनारस ब्लास्ट का दोषी करार दिया जा चुका वलीउल्लाह सहित कई लोगों के मोबाइल नंबर पुलिस के हत्थे चढ़े। इसमें वलीउल्लाह की पड़ताल किए जाने पर पुलिस ने पाया कि यह इस हादसे से पहले वह कभी बनारस नहीं आया था।वलीउल्लाह ने जाहिर किए थे जेहादी इरादे

अचानक उसकी शहर में आमद को लेकर पुलिस ने कड़ी मिलानी शुरू की तो सारे तार जुड़े गए। लंबी जांच व पड़ताल के बाद पुलिस ने वलीउल्लाह को लखनऊ के पास से गिरफ्तार किया था। पुलिस गिरफ्त में आने के बाद जब उससे पूछताछ शुरू हुई तो उसने अपने जेहादी इरादे भी जाहिर किए थे।बनारस ब्लास्ट में आईएसआई के पुराने मॉड्यूल से जुड़े आतंकियों के तार जुड़े होने की पुष्टि हुई थी। हालांकि इस पूरी मशक्कत के बाद वारदात में शामिल हूजी कमांडर शमीम सहित तीन आरोपी अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।कैंट रेलवे स्टेशन और संकट मोचन मंदिर पर हुए ब्लास्ट में दर्ज मुकदमे के विवेचक त्रिभुवन नाथ त्रिपाठी ने बताया कि पहले हुई आतंकी घटनाओं में शामिल दशगतगर्दों के बारे में जांच शुरू की और काल डिटेल खंगालनी शुरू की। इसमें वलीउल्लाह का नंबर ऐसा था जो बनारस में पहली बार एक्टिव था। इसी आधार पर जांच आगे बढ़ाई तो उसका कनेक्शन सामने आया। उन्होंने बताया कि उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके पास से विस्फोटक, डेटोनेटर और हथियार बरामद किया गया था।

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