कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपी का PFI कनेक्शन: हयात जफर के घर से मिले चार संस्थाओं के दस्तावेज और फंडिंग के सुराग

 



कानपुर। कानपुर हिंसा के मुख्य आरोपी हयात जफर हाशमी के पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से जुड़े होने के अहम साक्ष्य पुलिस के हाथ लगे हैं। आरोपी के घर से PFI से जुड़ी 4 संस्थाओं के दस्तावेज बरामद किए गए हैं। फंडिंग से जुड़े इन सभी दस्तावेजों को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है।

पुलिस मुख्य आरोपी और उसके संगठन से जुड़े लोगों के बैंक अकाउंट भी खंगाल रही है, जिससे ये पता लगाया जा सके कि संस्था को फंडिंग कहां से मिल रही थी। हिंसा की साजिश में कौन-कौन शामिल हैं? हयात समेत अन्य आरोपियों को रविवार को स्पेशल कोर्ट में पेश करके पूछताछ के लिए 15 दिनों की रिमांड मांग सकती है।

जांच में SDPI समेत इन चार संस्थाओं के नाम सामने आए
पुलिस की टीमों ने शनिवार रात को एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात जफर हाशमी के घर छापा मारा। उसके अलावा अन्य आरोपियों के घर भी दबिश दी। वहां से कई अहम दस्तावेज जब्त किए। हयात के घर और उसके मोबाइल से जांच के दौरान AIIC, RIF, सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) संस्था से संबंधित दस्तावेज मिले हैं। ये सभी दस्तावेज फंडिंग से संबंधित हैं। PFI इन चारों संस्थाओं की फंडिंग करता है। यह बात कई एजेंसियों की जांच में साबित हो चुकी है।

इन दस्तावेजों में यह जानकारी दी गई है कि आखिर किस तरह से फंडिंग होती है और उसे किस तरह से बांटा जाता है। पुलिस को पूरी आशंका है कि हयात जफर हाशमी भी PFI से जुड़ा हुआ था। इसकी संस्था को भी PFI समेत अन्य जगह से फंडिंग की जा रही थी। पुलिस जल्द ही मामले की जांच पूरी होते ही बड़ा खुलासा करेगी।

शहर के नामी लोगों ने हिंसा भड़काने में मदद की
हयात जफर हाशमी के मोबाइल की जांच और पूछताछ में कई बड़े नाम सामने आए हैं। सभी लोग हयात जफर हाशमी को गुपचुप सपोर्ट कर रहे थे। हिंसा भड़काने के लिए आर्थिक मदद भी कर रहे थे। पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने बताया कि अब इन सभी के खिलाफ साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। पर्याप्त साक्ष्य मिलते ही हयात की पर्दे के पीछे से मदद करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

हिंसा के दौरान हयात की लोकेशन यतीमखाना के पास मिली
कानपुर में हिंसा भड़काने का मुख्य आरोपी एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने भले ही पुलिस के सामने विरोध प्रदर्शन और जेल भरो आंदोलन वापस लेने की मांग की थी, लेकिन जमीनी हकीकत इसके बिल्कुल उलट है। जांच के दौरान सामने आया है कि हिंसा के दौरान हाशमी की लोकेशन यतीमखाना चौराहा के पास थी। इसके साथ ही हिंसा में शामिल जावेद व अन्य साजिशकर्ताओं की लोकेशन भी यतीमखाना के पास ही थी।

हयात के खिलाफ अब तक 9 मुकदमे दर्ज
हयात जफर हाशिमी के ऊपर शहर के अलग-अलग थानों में गैंगस्टर और गुंडा एक्ट समेत अब तक 9 मुकदमे दर्ज हैं। सबसे ज्यादा केस सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के मामले में हैं। अधिकांश मुकदमों में हयात पर चार्जशीट लगी है। आरोप है कि इसके बाद भी वह बेरोक-टोक शहर में खुलेआम घूमता रहा। पुलिस ने उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की।

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