कानपुर में राष्ट्रपति-PM थे, इसलिए 3 जून को हुई हिंसा: देश को बड़ा मैसेज देने की थी साजिश; हयात के वॉट्सऐप से खुले राज

 


कानपुर। 3 जून की कानपुर हिंसा संयोग नहीं थी। सोची-समझी साजिश थी। जफर हयात हाशमी के मोबाइल वॉट्सऐप चैट से साक्ष्य मिले हैं। हिंसा के मुख्य आरोपी हयात ने दिखावे के लिए कानपुर बाजार बंदी को वापस लिया था। ये नाटक पुलिस को गुमराह करने के लिए किया गया। अब हयात के वॉट्सऐप चैट में बाजार बंद के वीडियो और फोटो मिले हैं। इसमें वो लोगों को रोकने के बजाए उन्हें भड़का रहा है। कुछ ऐसे भी साक्ष्य मिले हैं, जिसमें VVIP मूवमेंट की वजह से 3 जून को चुने जाने की पुष्टि होती है।

साजिशकर्ताओं ने कहा- हमारा मकसद पूरा हुआ
मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अफसर ने बताया कि हयात जफर हाशमी, उसके साथी जावेद, सूफियान और राहिल से अलग-अलग पूछताछ की गई। सभी के बयान अलग-अलग थे, लेकिन कुछ बातें एक जैसी थीं। सभी ने कहा कि जिस तरह से नूपुर शर्मा ने पैगंबर साहब को लेकर बयान दिया था, वैसा भविष्य में कोई न करे, इसके चलते राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के दिन को हिंसा के लिए चुना गया।

हिंसा की साजिश करने वालों का कहना है कि उनका मकसद पूरा हो गया। देश के शीर्ष तक उनकी बात पहुंच गई है। आरोपियों ने कहा कि बाजार बंदी का प्लान सिर्फ कानपुर का नहीं था। कोशिश ये थी कि हर शहर में ऐसा हो।

141 ग्रुप में मिली संदिग्ध चैट
हयात हाशमी के मोबाइल में उसके वॉट्सऐप पर 141 ग्रुप मिले हैं। हिंसा वाले दिन, यानी 3 जून को हयात 14 ग्रुप पर ज्यादा सक्रिय था। सबसे ज्यादा बातचीत व अपडेट एमएमए जौहर फैंस एसोसिएशन कानपुर टीम नाम के ग्रुप में किए गए। हयात बाजार बंद कराने वालों का हौसला बढ़ा रहा था। उसके बाद बाजार बंद होने के फोटो-वीडियो अपडेट होने लगे।

हयात के साथ उसकी पत्नी भी थी एक्टिव
ग्रुप में हयात जफर हाशमी की पत्नी काफी सक्रिय रही। वह भी बंदी से लेकर बवाल तक की तमाम वीडियो और फोटो साझा करती रही। कई मैसेज भी डाले। पुलिस सूत्रों के मुताबिक हयात की पत्नी ही इस ग्रुप की एडमिन है। पुलिस एक-एक मैसेज के बारे में जांच कर रही है। साथ ही इन ग्रुप्स में कौन-कौन लोग जुड़े हैं और कहां के हैं? इसका पूरा ब्योरा खंगाला जा रहा है।

पर्दे के पीछे से मदद कर रही थीं नामचीन हस्तियां
बवाल के दिन हयात जफर हाशमी ने शहर की कई नामचीन शख्सियत से बातचीत की। उसके मोबाइल नंबर की CDR से इसका खुलासा हुआ है। इसलिए अंदेशा बढ़ गया है कि इन लोगों की भी भूमिका रही है। मगर वह सामने नहीं आए हैं। पर्दे के पीछे से साजिश में शामिल रहे। पुलिस अब इन सभी की गिरफ्तारी के लिए साक्ष्य जुटा रही है।

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