सावधान :कोरोना के साथ बढ़ रही मच्छरजनित बीमारियां, रखें विशेष ध्यान

स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिया गया यह नारा कोविड-19 की वैश्विक महामारी के मौजूदा दौर में बेहद प्रासंगिक है, क्योंकि स्वच्छता से काफी हद तक कई संक्रामक बीमारियों से बचाव किया जा सकता है। कोरोना संक्रमण काल में हमने देखा है कि इस बीमारी से बचने का पूरा उपाय व्यक्तिगत स्वच्छता पर ही आधारित है, जैसे नियमित रूप से हाथ धोना, मास्क पहनना, शारीरिक दूरी के नियम का पालन, खांसने व छींकने के तौर-तरीके आदि। ये सब व्यक्तिगत स्वच्छता से जुड़े विषय हैं। यदि लोग स्वच्छता को अपनाएंगे और अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखेंगे तो काफी हद तक हम बीमारियों से दूर रहेंगे, लेकिन इसे हमें अपने दैनिक जीवन के आवश्यक कार्यों में शामिल करना होगा। यह सिर्फ नारा मात्र नहीं है, बल्कि इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना पड़ेगा। तभी हम स्वस्थ रह सकते हैं। जानें क्‍या कहते है डॉक्टर।


 


बरसात का मौसम वायरस और बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी वाला तो होता ही है, साफ-सफाई की कमी के कारण मच्छर भी अधिक उत्पन्न होते हैं। मच्छरों के काटने से डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया जैसी बीमारियां फैलती हैं। कोरोना के अलावा अब इन बीमारियों के मामले भी आने लगे हैं। इसके अलावा गंदे पानी के कारण हैजा, पीलिया, हेपेटाइटिस ए व लैप्टोस्पाइरोसिस जैसी गंभीर बीमारी भी हो सकती है। बरसात के दिनों में लैप्टोस्पाइरोसिस बहुत ही सामान्य बीमारी है, जो दूषित पानी के जरिए फैलती है। इन बीमारियों से बचने का यही तरीका है कि अपने आसपास सफाई रखें।


 



मच्छर जनित बीमारियां बढ़ा सकती हैं मुश्किलें: गंदगी फैलने व पानी जमा होने से उनमें मच्छर उत्पन्न होंगे और इनके काटने से डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया जैसी बीमारियां फैलेंगी। देश पहले से ही कोरोना वायरस से लड़ रहा है। इस बीच यदि डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया जैसी बीमारियां ज्यादा फैलीं तो मुश्किलें औरभी बढ़ जाएंगी। इसलिए हमें पहले से ही सतर्कता बरतनी होगी।


कोरोना व डेंगू का हो सकता है एक साथ संक्रमण: कोरोना से पीड़ित 80 फीसद लोगों में हल्का संक्रमण होता है। इस वजह से उन्हें हल्के लक्षण या लक्षण नहीं भी हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में यह संभव है कि बहुत लोगों को कोरोना का संक्रमण होने की जानकारी न हो साथ में यदि मच्छर ने काट लिया तो कोरोना के साथ-साथ डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया की बीमारी भी हो सकती है। हालांकि सौभाग्य से अभी ऐसे मामले नहीं देखे गए हैं, लेकिन अगस्त से अक्टूबर के बीच मच्छर जनित बीमारियां अधिक होती हैं। ऐसे में एक ही मरीज में दो बीमारियों का संक्रमण संभव है।


 



डेंगू का लक्षण के आधार पर इलाज: कोरोना की तरह डेंगू व चिकनगुनिया की भी कोई दवा नहीं है। इसलिए डेंगू व चिकनगुनिया का भी लक्षण के आधार पर इलाज किया जाता है। शरीर का हाइड्रेशन बनाकर रखना होता है। बुखार होने पर पैरासिटामोल व अन्य लक्षण के आधार पर मरीज को दवाएं दी जाती हैं। कोरोना व डेंगू का एक साथ संक्रमण अधिक घातक हो सकता है। डेंगू का संवाहक एडीज मच्छर साफ पानी में पनपता है। इसलिए जरूरी है कि घर के आसपास और घर में भी कहीं पानी जमा न होने दें।


झाड़ियों के पास जाने से बचें: बारिश के दिनों में स्क्रब टाइफस की बीमारी भी होती है। यह बीमारी झाड़ियों में रहने वाले कीटों के काटने से फैलती है। इसलिए पार्कों में टहलते वक्त झाड़ियों के पास जाने से बचना चाहिए। यह बीमारी चूहों के माध्यम से भी फैलती है। इसलिए घर के आसपास गंदगी न फैलने दें।


उबालकर पिएं पानी: इन दिनों अस्वच्छ पानी के कारण टाइफाइड, हेपेटाइटिस ए, हैजा सहित कई तरह की बीमारियां होती हैं। इनसे बचने के लिए स्वच्छ पानी पीना जरूरी है। यदि पानी फिल्टर किया हुआ नहीं है तो पानी को उबालकर रख लें और इसे ठंडा होने पर पिएं। इस साधारण तरीके को अपनाकर इन बीमारियों से बचा जा सकता है। सड़क किनारे बिकने वाले कटे फल व खुले में बिकने वाली चीजें खाने से बचें।


कूलर व गमलों में जमा न होने दें पानी: डेंगू, चिकनगुनियां से बचने के लिए पहले तो घर के आसपास पानी जमा नहीं होने देना है। साफ-सफाई के लिए सिर्फ सरकारी एजेंसियों पर निर्भर रहना गलत मानसिकता है। साफसफाई हमारी भी जिम्मेदारी है।


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