अशोक गहलोत और सचिन पायलट में फिर खींचतान तेज, राहुल गांधी तक पहुंचा मामला; प्रियंका की पायलट से हुई बात
जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस के नेताओं के बीच चल रही आपसी खींचतान फिर तेज हो गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान के एक दिन बाद रविवार को पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे के विधायकों और नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करने का निर्णय लिया है। सूत्रों के अनुसार, रविवार को पायलट की पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी से टेलीफोन पर बात हुई है। प्रियंका ने पायलट को धर्य रखने की सलाह देते हुए अगले कुछ दिनों में ठोस निर्णय किए जाने का आश्वासन दिया है। प्रियंका से हुई बातचीत के बाद पायलट ने अपने समर्थकों से गहलोत और उनके खेमे के विधायकों के बयानों पर प्रतिक्रिया नहीं देने के लिए कहा है। दिल्ली जाएंगे सचिन पायलट सचिन पायलट सोमवार को दिल्ली से जयपुर पहुंचेंगे। जयपुर में अपने खेमे के विधायकों और नेताओं के साथ चर्चा करने के बाद पायलट अपने निर्वाचन क्षेत्र टोंक के दौरे पर भी जाएंगे। दरअसल, शनिवार को गहलोत ने सीकर जिले में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि साल, 2020 में सरकार गिराने के षड्यंत्र में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और पायलट मिले हुए थे। सबको मालूम है आपने (शेखावत) ने सरकार गिराने का षड्यंत्र किया है। अब आप पायलट का नाम ले रहे हो और कह रहे हो कि उन्होंने चूक कर दी, यह तो यह तो षड्यंत्र साबित हो गया। ठप्पा लग गया। सूत्रों के अनुसार, प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने राहुल गांधी को पूरे प्रकरण की जानकारी दी है। गहलोत समर्थक मंत्री बोले, सीएम ने सही कहा अशोक गहलोत के विश्वस्त स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने रविवार को कोटा में मीडियाकर्मियों से कहा कि सीएम ने जो कहा वह सही है। सरकार गिराने का षड्यंत्र किया गया था । धारीवाल बोले, सीएम ने क्या गलत कहा है, जो सही था वह कहा है। एक सवाल के जवाब में धारीवाल ने कहा कि सीएम ने षड्यंत्र माना है तो हम भी मानते हैं, देखा भी है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में महाराष्ट्र जैसी स्थिति नहीं होगी। राजस्थान में भाजपा ने पहले मुंह की खाई है। राज्यसभा चुनाव में 126 वोट तीन उम्मीदवारों को मिले हैं। भाजपा में क्रास वोटिंग हुई है। प्रदेश सत्ता और संगठन में संभावित बदलावों को लेकर गहलोत और पायलट खेमे सक्रिय हो गए हैं। गहलोत खेमे के कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य रघुवीर मीणा, धारीवाल, जलदाय मंत्री महेश जोशी, परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास व प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने पायलट खेमे के खिलाफ आलाकमान तक अपनी बात पहुंचाने की योजना बनाई है। वहीं, पायलट के विश्वस्त वनमंत्री हेमाराम चौधरी, परिवहन मंत्री बृजेंद्र ओला, कृषि विपणन राज्यमंत्री मुरारी मीणा और विधायक वेदप्रकाश सोलंकी अगले सप्ताह दिल्ली जाने की तैयारी कर रहे हैं। गजेंद्र सिंह शेखावत ने कही थी ये बात केंद्रीय मंत्री शेखावत ने जयपुर जिले के चौंमू में चार दिन पहले एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि सचिन पायलट 2020 में चूक गए, यदि ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह फैसला लिया होता तो 13 जिलों में पानी की समस्या का समधान हो गया होता। ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई होती। |
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