महंगाई, कीमत वही वजन और मात्रा घटाकर कंपनियां भरमा रही है उपभोक्ताओं को
बढ़ती महंगाई में आपको लुभाने के लिए कीमत नहीं बढ़ाता कंपनियां वजन और मात्रा गटा रही है कई ऐसी वस्तु है जिनके वजन पहले से कम हो गए और एक छोटे लेकिन कीमत वही है कंपनियों के इस मायाजाल को उपभोक्ता समझ नहीं पा रहा है और ठगी का शिकार हो रहा है
भारत में बर्तन धोने का साबुन विम बार 155 से घटाकर 135 ग्राम रह गया है। अमेरिका में क्लीनेक्स कंपनी के 65 के पैकेट में 60 ही टिश्यू पेपर मिल रहे हैं। ब्रिटेन में नेस्ले ने नेस्कैफे अजेरा अमेरिकानो कॉफी का 100 ग्राम का टीन 90 ग्राम का रख छोड़ा। एशिया से लेकर यूरोप और अमेरिका तक में कंपनियां यही चालाकियां कर रही हैं। वजह? बढ़ती महंगाई के बीच भी अपनी लागत घटाना, मुनाफा बढ़ाना और सबसे अहम, ग्राहकों को भरमाए रखना।
फायदे में : कंपनियां... और कौन? |
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