कोरोना से लड़ाई में योग और आयुर्वेद मददगार, 'मन की बात' में बोले PM मोदी

 कोविड-19 के साथ जारी जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देशवासियों को संबोधित किया. कोरोना संकट काल (corona in india) के दौरान यह तीसरा मौका था जब पीएम मोदी 'मन की बात के जरिए देश के लोगों को संबोधित किया. मन की बात जुड़ी मुख्य बातों को पढ़ें.


बीमार पड़ गए तो क्या होगा?


पीएम मोदी ने कहा- 'हमारे देश में करोड़ों-करोड़ गरीब, दशकों से एक बहुत बड़ी चिंता में रहते आए हैं- अगर बीमार पड़ गए तो क्या होगा? इस चिंता को दूर करने के लिए ही करीब डेढ़ साल पहले 'आयुष्मान भारत' योजना शुरू की गई थी. कुछ ही दिन पहले 'आयुष्मान भारत' के लाभार्थियों की संख्या एक करोड़ पार हो गई है. कहा कि आयुष्मान भारत योजना ने गरीबों के पैसे खर्च होने से बचाए हैं. मैं आयुष्मान भारत के सभी लाभार्थियों के साथ-साथ मरीजों का उपचार करने वाले सभी डॉक्टरों-नर्सों और मेडिकल स्टाफ को बधाई देता हूं. आयुष्मान भारत योजना के साथ एक बड़ी विशेषता पोर्टेबलिटी की सुविधा भी है. पोर्टेबलिटी ने, देश को, एकता के रंग में रंगने में भी मदद की है,यानी बिहार का कोई गरीब अगर चाहे तो, उसे कर्नाटक में भी वही सुविधा मिलेगी, जो उसे अपने राज्य में मिलती. इस योजना के 1 करोड़ लाभार्थियों में से करीब 80 प्रतिशत लाभार्थी ग्रामीण इलाके के हैं. इसमें से भी करीब 50 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं-बेटियां हैं. इन लाभार्थियों में ज्यादातर ऐसी बीमारी से पीड़ित थे जिनका इलाज सामान्य दवाओं से संभव नहीं था.


माय लाइफ, माय योगा


पीएम मोदी ने कहा- आपके जीवन में योग को बढ़ाने के लिए आयुष मंत्रालय ने भी इस बार एक अनोखा प्रयोग किया है. मंत्रालय ने 'My Life, My Yoga' नाम से अंतर्राष्ट्रीय वीडियो ब्लॉग उसकी प्रतियोगिता शुरू की है. भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के लोग इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले सकते हैं. इसमें हिस्सा लेने के लिए आपको अपना तीन मिनट का एक वीडियो बना कर अपलोड करना होगा. इस वीडियो में आप, जो योग, या आसन करते हों, वो करते हुए दिखाना है और योग से आपके जीवन में जो बदलाव आया है, उसके बारे में भी बताना है.



कोरोना से लड़ाई में योग और आयुर्वेद मददगार


पीएम मोदी बोले- हर जगह लोगों ने योग और उसके साथ-साथ आयुर्वेद के बारे में और ज्यादा जानना चाहा है, उसे अपनाना चाहा है. कितने ही लोग, जिन्होंने कभी योग नहीं किया, वो भी या तो ऑनलाइन योग क्लास से जुड़ रहे हैं या फिर ऑनलाइन वीडियो के माध्यम से भी योग सीख रहे हैं. कोरोना संकट के इस समय में योग आज इसलिए भी ज्यादा अहम है, क्योंकि ये वायरस, हमारे श्वसन प्रक्रिया को सबसे अधिक प्रभावित करता है. योग में तो श्वसन प्रक्रिया (respiratory system ) को मजबूत करने वाले कई तरह के प्राणायाम हैं, जिनका असर हम लंबे समय से देखते आ रहे हैं.


आत्मनिर्भर भारत


पीएम मोदी बोले- बहुत से लोगों ने ये बताया है कि उन्होंने, जो जो समान उनके इलाके में मिलते हैं, उनकी पूरी लिस्ट बना ली है. ये लोग अब लोकल प्रोडक्ट्स को ही खरीद रहे हैं और वोकल फॉर लोकल को प्रमोट कर रहे हैं.


रेलवे के साथी कोरोना वॉरियर्स


पीएम मोदी बोले- हमारे रेलवे के साथी दिन-रात लगे हुए हैं. केंद्र हो, राज्य हो, स्थानीय स्वराज की संस्थाएं हो- हर कोई दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. जिस प्रकार रेलवे के कर्मचारी आज जुटे हुए हैं, वे भी एक प्रकार से अग्रिम पंक्ति में खड़े कोरोना वॉरियर्स ही हैं. जो दृश्य आज हम देख रहे हैं, इससे देश को अतीत में जो कुछ हुआ, उसके अवलोकन और भविष्य के लिए सीखने का अवसर भी मिला है. आज हमारे श्रमिकों की पीड़ा में, देश के पूर्वीं हिस्से की पीड़ा को देख सकते हैं. उस पूर्वी हिस्से का विकास बहुत आवश्यक है. कहीं श्रमिकों की स्किल मैपिंग का काम हो रहा है, कहीं स्टार्टअप्स भी इस काम में जुटे हैं, कहीं माइग्रेश कमिशन बनाने की बात हो रही है. साथ ही केंद्र सरकार ने अभी जो फैसले लिए हैं उससे गांवों में रोजगार, स्वरोजगार और लघु उद्योग से जुड़ी विशाल संभावनाएं खुली हैं.


योग और आयुर्वेद पर विश्व के नेताओं के साथ बातचीत


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट में सहायक योग और आयुर्वेद पर विश्व के नेताओं के साथ बातचीत और उनकी उत्सुकता का जिक्र किया. तीन मिनट का योग वीडियो बनाकर भेजने को कहा. कहा कि अंतराराष्ट्रीय योग दिवस आने वाला है.


संकट की सबसे बड़ी चोट गरीब, मजदूर, श्रमिक वर्ग पर


पीएम मोदी बोले- हमारे देश में भी कोई वर्ग ऐसा नहीं है जो कठिनाई में न हो, परेशानी में न हो और इस संकट की सबसे बड़ी चोट अगर किसी पर पड़ी है तो वो हमारे गरीब, मजदूर, श्रमिक वर्ग पर पड़ी है. उनकी तकलीफ, उनका दर्द, उनकी पीड़ा शब्दों में नहीं कही जा सकती. कोरोना के खिलाफ लड़ाई का यह रास्ता लंबा है. एक ऐसी आपदा जिसका पूरी दुनिया के पास कोई इलाज नहीं है. जिसका कोई पहले का अनुभव ही नहीं है. ऐसे में नई नई चुनौतियों और उसके कारण परेशानियां हम अनुभव कर रहे हैं.


मानव जाति की यात्रा इनोवेशन से ही इतने आधुनिक दौर में पहुंची


पीएम मोदी बोले- मैं सोशल मीडिया में कई तस्वीरें देख रहा था. कई दुकानदारों ने दो गज की दूरी के लिए, दुकान में बड़े पाइपलाइन लगा लिए हैं, जिसमें, एक छोर से वो ऊपर से सामान डालते हैं, और दूसरी छोर से ग्राहक अपना सामान ले लेते हैं. किसी भी परिस्थिति को बदलने के लिए इच्छाशक्ति के साथ ही बहुत कुछ इनोवेशन पर भी निर्भर करता है. हजारों साल की मानव जाति की यात्रा लगातार इनोवेशन से ही इतने आधुनिक दौर में पहुंची है.


संकट की इस घड़ी में इनोवेशन


मन की बात में पीएम मोदी बोले- एक और बात जो मेरे मन को छू गई, वो है संकट की इस घड़ी में इनोवेशन, गांवों से लेकर शहरों तक, छोटे व्यापारियों से लेकर स्टार्टअप तक, हमारी लैब्स कोरोना से लड़ाई में, नए-नए तरीके इज़ाद कर रहे हैं, नए इनोवेशन कर रहे हैं. तमिलनाडु के सैलून चलाने वाले के सी. मोहन,ठेला चलाकर जीवनयापन करने वाले गौतमदास जी. पंजाब के दिव्यांग भाई राजू ,अन्य सभी सेवाभाव से लोगों की मदद कर रहे लोगों की मैं प्रशंसा करता हूँ, उनका आदर करता हूँ, उनका तहेदिल से अभिनन्दन.


सेवा में अपना सब कुछ समर्पित


मन की बात में पीएम मोदी बोले- इस महामारी के समय हम भारतवासियों ने ये दिखा दिया है कि सेवा और त्याग का हमारा विचार, केवल हमारा आदर्श नहीं है बल्कि भारत की जीवनपद्धति है. कहा कि हमारे डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी, मीडिया के साथी ये सब जो सेवा कर रहे हैं, उसकी चर्चा मैंने कई बार की है. मन की बात में भी मैंने उसका जिक्र किया है. सेवा में अपना सब कुछ समर्पित कर देने वाले लोगों की संख्या अनगिनत है. बोले- देश के सभी इलाकों से महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप के परिश्रम की भी अनगिनत कहानियां इन दिनों हमारे सामने आ रही हैं. गांवों, कस्बों में, हमारी बहनें-बेटियां, हर दिन मास्क बना रही हैं. तमाम सामाजिक संस्थाएं भी इस काम में इनका सहयोग कर रही हैं.


कोरोना से होने वाली मृत्यु दर भी देश में काफी कम


पीएम मोदी बोले- हमारी जनसख्या ज्यादातर देशों से कई गुना अधिक है. चुनौतियां भी भिन्न प्रकार की हैं लेकिन फिर भी हमारे देश में कोरोना उतनी तेजी से नहीं फैल पाया जितना दुनिया के अन्य देशों में फैला. कोरोना से होने वाली मृत्यु दर भी देश में काफी कम है. कहा कि जो नुकसान हुआ है उसका दुःख हम सबको है लेकिन जो कुछ भी हम बचा पाएं हैं वो निश्चित तौर पर देश की सामूहिक संकल्पशक्ति का ही परिणाम है. इतने  बड़ेदेश में हर-एक देशवासी ने खुद, इस लड़ाई को लड़ने की ठानी है, ये पूरी मुहिम देश के लोगों द्वारा चलाया जा रहा है


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स्थिति में काफी सुधार हुआ


कोरोना संकट के बाद धीरे-धीरे सामान्य होते हालातों के साथ प्रधानमंत्री ने और अधिक सतर्क रहने का आह्वान किया.कहा कि पिछली बार की ‘मन की बात’ से इस बार स्थिति में काफ़ी सुधार हो चला है लकिन ऐसे में हमें और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है.



 


भारतवासियों की उपलब्धि बहुत बड़ी


पीएम मोदी बोले- कोरोना के प्रभाव से मन की बात भी अछूता नहीं रहा है. बोले- सबके सामूहिक प्रयासों से देश में कोरोना के खिलाफ लड़ाई बहुत मजबूती से लड़ी जा रही है. जब हम दुनिया की तरफ देखते हैं तो हमें अनुभव होता है कि वास्तव में भारतवासियों की उपलब्धि कितनी बड़ी है.


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