चुनाव प्रचार का शोर थमा: सहाड़ा में भाजपा-कांग्रेस के सामने आरएलपी की चुनौती, कौन जीतेगा, तय नहीं

 

भीलवाड़ा/जयपुर (हलचल)। राजस्थान में तीन सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होने हैं। इसके तहत 17 अप्रैल को मतदान होना है। गुरुवार को चुनाव प्रचार का अंतिम दिन था। चुनाव को लेकर सहाड़ा विधानसभा सीट सबसे ज्यादा चर्चा में है।
चुनाव प्रचार के अंतिम दिन सहाड़ा सहित तीनों विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा व कांग्रेस की ओर से कोई चुनावी सभा आयोजित नहीं की गई। कारण, कोरोना का बढ़ता संक्रमण रहा। आरएलपी के सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने जरूर तीन स्थानों पर सभाओं को संबोधित किया। चुनाव प्रचार की मियाद खत्म होने के बाद अब प्रत्याशी या राजनीतिक दल केवल पांच-पांच लोगों के समूह में घर-घर जाकर जनसंपर्क कर सकेंगे।
भाजपा प्रत्याशियों को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, किरोड़ीलाल मीणा व अर्जुन मेघवाल जैसे दिग्गजों का इंतजार रहा। हालांकि भाजपा ने सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर के माध्यम से इनकी कमी को पूरा करने का प्रयास किया था। प्रचार थमने के साथ ही इन क्षेत्रों में रहने वाले दिग्गजों की प्रतिष्ठा दाव पर है।
इनके लिए नाक का सवाल
कांग्रेस के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा, स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, खेलमंत्री अशोक चांदना, ममता भूपेश, भंवर सिंह भाटी और भाजपा में राजसमंद सीट से प्रतिपक्ष नेता गुलाबचंद कटारिया और सांसद दीया कुमारी। कटारिया के महाराणा प्रताप के बयान के चलते भाजपा को नुकसान होने की आशंका है, लेकिन कटारिया जिस वर्ग से आते हैं, उस वर्ग का राजसमंद में बोलबाला है, ऐसे में उनकी जीत में महती भूमिका रहेगी। इसी तरह सांसद दीया कुमारी के सांसद होने के नाते यह चुनाव प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है। वहीं भाजपा प्रदेशाध्यक्ष होने के नाते सतीश पूनियां की तीनों ही सीटों पर साख दाव पर है। मगर उनका ज्यादा फोकस सहाड़ा सीट पर है। इसके चलते चुनाव प्रचार के अंतिम दिन वे सहाड़ा में ही रहे। हालांकि लादूलाल पीतलिया के नाम वापस लेने से भाजपा की स्थिति मजबूत बनी थी, लेकिन बाद में घटे नाटकीय घटनाक्रम के बाद कौन जीतेगा, यह बताना मुश्किल हो गया है।

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