माँ बिना जग सूना लागे - काव्य गोष्ठी आयोजित
भीलवाड़ा /लोक कला मंचन संस्थान राजस्थान द्वारा स्वर्गीय श्रीमती जतन देवी भंवर लाल डाड की पुण्य स्मृति में " माँ बिना जग सूना लागे " काव्य गोष्ठी का आयोजन बार काउंसिल ऑफ इंडिया के को-चेयरमैन एडवोकेट श्री सुरेश श्रीमाली की अध्यक्षता, लोक कला मंचन संस्थान राजस्थान की प्रान्तीय अध्यक्ष श्रीमती डॉ सुमन सोनी के मुख्य आतिथ्य एवं साहित्यिक संस्था खिलते फूल के संस्थापक कवि श्री सुरेश भाटी के विशिष्ठ आतिथ्य में किया गया ! कौविड 19 के नियमों की अनुपालना में आॅनलाईन काव्य गोष्ठी में निम्न प्रबुद्ध कलमकारों ने माँ के प्रति अपनी भावनाओं को प्रकट किया - सेवा निवृत्त बैंक आॅफिसर कवि श्री जयप्रकाश भाटिया - मां की ममता की मुझको आवाज सुनाई देती है, हर कदम पर मुझको मां की आहट सुनाई देती है ! डॉ. राजमती पोखरना सुराना - मेरा बचपन थक कर सो गया माँ तेरी लोरियो के बगैर, मेरा जीवन अधूरा सा रह गया माँ तेरी बातो के बग़ैर ! सेवा निवृत्त प्रधानाचार्य श्री राम प्रकाश टेलर - माँ के आँचल की छाया में माँ का आशीर्वाद पलता है ! पुलिस अधिकारी कवि श्री गोपाल पंचौली 'आशु' - कर लो तुम सब तीर्थ-पूजा, कर लो व्रत-त्यौहार, माँ के सम्मान बिन, होती सब बैकार । श्री महेश पूंगलिया सूरत - क्या अम्बर और क्या ये धरती, माँ की तुलना हो नहीं सकती , युग आते है युग जाते है, माँ की गाथा दोहराते है ! रिटायर्ड जनरल मैनेजर श्री अरूण शर्मा अजीब - माँ ममता के रूप का है जीवंत प्रमाण, उसके दर पर है सदा, राजा रंक समान । सोलापुर जिलाध्यक्ष श्रीमती पदमा भूतड़ा - जिसके प्रेम को कभी पतझड़ स्पर्श ना कर सके उसका नाम हैं माँ ! सेवानिवृत्त बैंक प्रबंधक कवि श्री ओम उज्ज्वल - शक्ति देना, भक्ति देना, देना तुम आशीष, माँ आपके चरणों में, हम रोज नवाएं शीष।। भीलवाड़ा जिला क्रीड़ा सचिव श्रीमती रेणु कोगटा - मां की दुआ जिंदगी बना देती हैं , खुद रोती है मगर हमें हंसा देती है ! श्रीमती पदमा तोषनीवाल भीलवाड़ा - लिख कर देखूं तो किताब है मेरी, बोल कर देखूं तो आवाज है मेरी, हंस कर देखूं तो मुसकान है मेरी, दुख मे देखूं तो साहस है मेरी, शरीर मे बहती हुई हर सांस है मेरी छोटे से अस्तित्व की पहचान है मेरी। बरेली जिलाध्यक्ष श्रीमती कुमकुम काबरा - मंगल गीत बजे जब मां की सुगन्ध फिजां में छाई, मां के बिना घर होता नहीं घर, चाहे मिले जग की प्रभुताई ।। वरिष्ठ पत्रकार श्री कपिल शर्मा - ममता की मूरत है माँ करुणा की सूरत है माँ, माँ है तो कोई मन्नत नहीं माँ के चरणों में है जन्नत नशीं ! कोहिनूर सेवा समिति भीलवाड़ा अध्यक्ष कवि रामनिवास रोनी - महसूस भी किया हैं और सुना है, परमात्मा ने भी जिसे प्रयाय रूप में चुना है, दुनियाँ की सारी नियामतें हो तो भी माँ के बिना सब सूना है ! प्रधानाचार्य श्रीमती पुनीता भारद्वाज - माँ की ममता जानकर करना सदा विचार, सीखो माँ से आज तुम लोक जगत व्यवहार ।। सेवानिवृत्त इंजीनियर सरदार कवि एस एस गम्भीर - माँ के चरणों में जन्नत है खुशियों का है अबांर, सब रिश्ते फिके अगर ना मिले मां का प्यार।। बार काउंसिल ऑफ इंडिया के को-चेयरमैन एडवोकेट श्री सुरेश श्रीमाली ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि - धरती पर भगवान का रूप होती है “माँ”, सृष्टि का सबसे उत्कृष्ट उपहार होती है माँ ! मुख्य अतिथि अन्तर्राष्ट्रीय भजन गायिका श्रीमती डॉ सुमन सोनी ने माँ की महिमा को बताते हुए दिल को छू लेने वाले कई गीत प्रस्तुत किये ! सभी का आभार खिलते फूल साहित्यिक संस्था के अध्यक्ष कवि श्री सुरेश भाटी ने व्यक्त किया तथा सभी साहित्यकार साथियों ने स्वर्गीय श्रीमती जतन देवी डाड को श्रद्धांजलि अर्पित की ! |
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें