परीक्षाएं करना इंदिरा सरकार के नसबंदी निर्णय जैसा -सुब्रह्मण्यम स्वामी

 

नई दिल्ला। जेईई मैन और नीट 2020: संयुक्त प्रवेश परीक्षा और राष्ट्रीय पात्रता प्रवेश परीक्षा की परीक्षाओं के आयोजन पर हंगामा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी, दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के बाद अब एक बार फिर बीजेपी नेता राज्य सभा सांसद और सुप्रीम कोर्ट के वकील सुब्रह्मण्यम स्वामी ने फिर एक बार फिर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि कोरोना काल में जेईई मेन और नीट यूजी जैसी प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करने का फैसला नरेंद्र मोदी सरकार की सबसे बड़ी भूल हो साबित हो सकती है।
बीजेपी नेता ने कहा कि सरकार इस समय एग्जाम कराती है तो यह 1976 में इंदिरा गांधी द्वारा किया गया नसबंदी जैसी बड़ी गलती साबित होगी। इस संबंध में बीजेपी नेता ने ट्विटर पर लिखा कि, अगर हमारी मोदी सरकार नीट यूजी और जेईई मेन परीक्षा का आयोजन करती है तो सरकार का यह फैसला साल 1976 में नसबंदी की तरह एक बड़ी गलती होगी, जिसने 1977 में इंदिरा सरकार को बेचैन कर दिया था। भारतीय मतदाता चुपचाप पीडि़त हो सकते हैं, लेकिन लंबी यादें हैं।



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