टे्रनों में सीटों को लेकर वेटिंग की स्थिति

चित्तौडग़ढ़. दीपोत्सव से पहले अगर आप दूर-दराज रह रहे परिजनों के साथ त्योहार मनाने की सोच रहे है तो आपकी मुश्किल खड़ी हो सकती है। कारण, अनलॉक के बाद दौड़ लगा रही टे्रनें आपको घर पहुंचाने में बाधा बन सकती है। अभी से टे्रनों में सीटों को लेकर वेटिंग की स्थिति आ गई है। खासतौर से कई टे्रनों में स्लीपर श्रेणी में तो वेटिंग का आंकड़ा पचास के पार हो गया है।
जानकारी के अनुसार चित्तौडग़ढ़ जंक्शन से होकर इस समय छह टे्रनें गुजर रही है। मेवाड़ एक्सप्रेस, अजमेर-बांद्रा, उदयपुर-बांद्रा, उदयपुर-हरिद्वार, अजमेर-हैदराबाद तथा उदयपुर-जयपुर इंटरसिटी शामिल है। इनमें से वर्तमान में आपको इंटरसिटी में ही जगह मिल सकती है। शेष टे्रनों में सीटें बुक है। अगले सप्ताह १-२ नवम्बर तक मेवाड़ एक्सप्रेस, बांद्रा और हरिद्वार में एसी श्रेणी के कोच में १५ से २० वेटिंग चल रही है। जबकि स्लीपर में ४० से ५० वेटिंग है।


नहीं बढ़ाई टे्रनों की संख्या, दीपावली पर थी उम्मीद
दीपावली से पहले उम्मीद थी कि रेलवे और स्पेशल टे्रनों को दौड़ा सकता है। लेकिन अभी एेसा नहीं हुआ। टे्रनें नहीं बढ़ाने से वेटिंग लिस्ट लम्बी है। जबकि दीपोत्सव में महज एक पखवाड़ा रह गया है। इस समय बिहार, उत्तरप्रदेश, उत्तराखण्ड समेत कई दूर-दराज राज्यों के लोग जिले में काम कर रहे है। एेसे में वह त्योहार पर अपने घर जाना चाहते है।


दीपावली से एक सप्ताह पहले स्थिति विकट
दीपावली से एक सप्ताह पहले ८ नवम्बर से लगाकर १२ नवम्बर के बीच वातानुकृलित एसी की श्रेणी फस्ट, सैकण्ड और थर्ड श्रेणी में ही वेटिंग का आंकड़ ५० से ६० के बीच चल रहा है। जबकि स्लीपर श्रेणी सौ के करीब पहुंच गई है। एेसे में लम्बी दूरी की टे्रनों में जगह मिलना मुश्किल हो सकता है। जिन्होंने वेटिंग में टिकट लिए है वह भी सीट मिलने को लेकर संशय में है। जिन्होंने पहले ही टिकट आरक्षित करवा लिए। वह निश्चिंत है।


ऑनलाइन बुकिंग भी मुसीबत, कोरोना ने बिगाड़ा गणित
कोरोना महामारी ने इस बार टे्रनों के संचालन का गणित बिगाड़ दिया है। ऑनलाइन बुकिंग कराने पर ही टे्रन में प्रवेश दिया जाएगा। एेसे में कई लोग ऑनलाइन टिकट बुक करवाने पहुंचे इससे पहले ही बुकिंग हो गई। इस बार जनरल कोच नहीं होने से भी यात्रा में मुसीबत हो रही है। बड़ी संख्या में लोग जनरल कोच में यात्रा करते हैं।


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