ऐसे कैसे जीतेंगे कोरोना से जंग? कहीं 2 तो कहीं 3 दिन के लिए वैक्सीन स्टॉक में, जानें कहां-कहां है टीकों की किल्लत

 


कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में दिल्ली ।वैक्सीन सबसे कारगर हथियार है। टीकाकरण का अभियान भले ही तेज कर दिया गया हो, मगर अब इसके स्टॉक को लेकर भी चिंता सामने आने लगी है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच कई राज्य कोरोना रोधी टीके की कमी का सामना कर रहे हैं। इन राज्यों में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और झारखंड शामिल हैं। टीके की कमी से जूझ रहे इन राज्यों में किसी के पास दो दिन तो किसी के पास तीन दिन का स्टॉक है। ऐसे में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया थमने की आशंका भी है। महाराष्ट्र में कई वैक्सीनेशन सेंटर पर टीका देने का काम रुक गया है। हालांकि, केंद्र सरकार का कहना है कि वैक्सीन की किल्लत नहीं होगी और उसके पास करीब 43 मिलियन स्टॉक में है।

महाराष्ट्र में भी टीके की किल्लत
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने गुरुवार को कहा कि हमारे पास मुश्किल से नौ लाख खुराकें बची हुई है जिससे एक या डेढ़ दिन ही टीकाकरण हो पाएगा। टोपे ने कहा कि राज्य को गुजरात और मध्य प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों की तुलना में कोरोना के कम टीके दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि टीके की कमी के कारण सतारा, सांगली और पनवेल में कई टीकाकरण केंद्र बंद कर दिए गए हैं। टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र को हर सप्ताह टीके की 40 लाख खुराकों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राज्य को गुरुवार को टीके की 7.5 लाख खुराकें मिलीं, जबकि उत्तर प्रदेश को 48 लाख खुराकें, मध्य प्रदेश को 40 लाख, गुजरात को 30 लाख और हरियाणा को 24 लाख खुराकें दी गई हैं। टोपे ने कहा कि देश में कुल उपचाराधीन मामलों में महाराष्ट्र के 55 प्रतिशत मामले हैं और टीके की आपूर्ति जरूरत के हिसाब से होनी चाहिए।

झारखंड में केवल दो दिन का स्टॉक:
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि झारखंड में केवल दो दिनों के लिए वैक्सीन बची है। गुप्ता ने कहा कि हमारे पास अगले 1-2 दिनों के लिए स्टॉक है, हमने केंद्रीय गृह मंत्री से अनुरोध किया है और मुझे उम्मीद है कि वह हमें वैक्सीन प्रदान करेंगे। मंत्री ने कहा-लगभग 18,27,800 टीकों को पहली खुराक के रूप में और 2,78,000 टीकों को दूसरी खुराक के रूप में दिया गया है। हमने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से बात की है और उनसे अनुरोध किया है कि वे हमें पहली खुराक के लिए लगभग 10 लाख टीके प्रदान करें।  

 

छत्तीसगढ़ में भी किल्लत:
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने गुरुवार को कहा कि राज्य में केवल तीन दिनों के लिए टीकों का भंडार है। हालांकि, उन्होंने कहा कि केंद्र ने टीकों की आपूर्ति का आश्वासन दिया है।

बिहार में भी टीके की कमी
बिहार में भी कोरोना की वैक्सीन की कमी होने वाली है। यहां भी बताया जा रहा है कि महज दो दिन का ही स्टॉक बचा है। बता दें कि बिहार में रोजाना औसतन 1.7 लाख डोज की खपत है, जबकि उसके पास महज करीब 2.6 लाख डोज बचे हैं। ऐसे में सप्लाई तुरंत नहीं होती है तो वैक्सीनेशन प्रभावित हो सकता है।

आंध्र सरकार को एक करोड़ खुराक की दरकार
आंध्र प्रदेश सरकार कोविड टीके की कमी को पूरा करने के लिए कम से कम एक करोड़ खुराकों की तत्काल आपूर्ति करने का केंद्र सरकार से अनुरोध करेगी। राज्य में टीकों का मौजूदा भंडार दो दिनों से ज्यादा नहीं चलेगा। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी को बृहस्पतिवार को बैठक के दौरान बताया कि वर्तमान में राज्य में टीके की सिर्फ तीन लाख खुराकें हैं जबकि औसतन 1.4 लाख लोगों को प्रतिदिन टीका लगाया जा रहा है। राज्य में 45 साल से अधिक के एक करोड़ से अधिक लोग हैं जिन्हें टीका लगाया जाना है। लेकिन टीकों की कमी चिंता का कारण बन गई है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इन सभी लोगों को एक महीने के भीतर टीका लगाया जाए।

ओडिशा में टीकाकरण ठप होने की कगार पर:
ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री नाबा किशोर दास ने कहा कि अगर उन्हें अगले दो दिनों के भीतर टीके नहीं मिलेंगे, तो राज्य में टीकाकरण अभियान को रोकना होगा। 1400 में से हमारे 700 टीकाकरण केंद्र पहले ही बंद हो चुके हैं। मंत्री ने कहा कि उन्हें जल्द ही टीके मिलने की उम्मीद है। दास ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर लक्षित आबादी के प्रभावी टीकाकरण के लिए राज्य को कम से कम 10 दिनों के स्टॉक (या 25 लाख खुराक) की आपूर्ति करने का अनुरोध किया है। ओडिशा के पास अभी 5.34 लाख खुराकें हैं, जबकि रोजाना 2.5 लाख टीके लगाते हैं। 

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