वैष्णो देवी की पिंडियों के समक्ष प्रसाद चढ़ाने-तिलक लगाने पर रोक

 


कटड़ा | देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण का असर शिक्षण संस्थानों के बाद माता वैष्णो देवी की यात्रा और खेल गतिविधियों पर भी पड़ने लगा है। मंगलवार को माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने पवित्र गुफा में पिंडियों के समक्ष प्रसाद चढ़ाने और पुजारियों द्वारा श्रद्धालुओं के माथे पर तिलक लगाने पर रोक लगा दी है। इसके साथ श्रद्धालु दूर से ही मां के दर्शन कर सकेंगे। इस बीच, युवा सेवा एवं खेल विभाग ने भी आदेश जारी उन इनडोर कांप्लेक्स में एक-दूसरे के करीब रहकर या संपर्क में आकर खेली जाने वाली खेल गतिविधियों को अस्थायी तौर पर स्थगित कर दिया है।

कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जम्मू कश्मीर प्रशासन पूरी एहतियात बरत रहा है। संक्रमण को बढऩे से रोकने के लिए स्कूलों को पहले ही बंद कर दिया गया है। इस बीच, श्राइन बोर्ड ने भी देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए पिंडियों के समक्ष प्रसाद चढ़ाने व तिलक लागने पर रोक लगा दी है। हालांकि इस तरह की रोक पहले भी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद बीते फरवरी माह में ही इस तरह की रोक हटा दी गई थी।

यात्रा में भी गिरावट : कोरोना संक्रमण के चलते यात्रा में फिर गिरावट आने लगी है। गत सोमवार को करीब 14,000 श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में हाजिरी लगाई। वहीं, मंगलवार शाम तक 9,000 श्रद्धालु भवन की ओर रवाना हो चुके थे। हालांकि संक्रमण का प्रभाव कम होने पर यात्रा प्रतिदिन 18,000 से 20,000 तक पहुंच गई थी।

गर्भ जून के दर्शन व अन्य सुविधाएं भी जारी : यात्रा मार्ग पर श्रद्धालु पवित्र गर्भ जून गुफा के दर्शन भी निरंतर कर रहे हैं। इस गुफा के भीतर जाने की श्रद्धालुओं को इजाजत दी जा रही है। इसके अलावा हेलीकाप्टर सेवा, बैटरी कार व पैसेंजर केबल कार सेवा भी श्रद्धालुओं को पहले की तरह मिल रही है।

यात्रा के लिए टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य : वैष्णो देवी की यात्रा के लिए पहले की तरह कोविड-19 की निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट अनिवार्य है। यात्रा के लिए तीन दिन पहले तक रिपोर्ट ही मान्य होगी। बिना टेस्ट करवाए आ रहे श्रद्धालुओं के लिए कटड़ा रेलवे स्टेशन, कटड़ा हेलीपैड, दर्शनी ड्योढ़ी और नए ताराकोट मार्ग पर स्वास्थ्य विभाग ने टेस्ट सेंटर बनाए हैं।

दिशा-निर्देशों का भी पूरी तरह पालन : यात्रा के दौरान कोरोना संक्रमण को लेकर जारी दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन किया जा रहा है। श्राइन बोर्ड ने यात्रा मार्ग के साथ ही भवन प्रांगण और महत्वपूर्ण स्थानों पर जगह-जगह आटो सेंसर सैनिटाइजर लगाए हैं। थर्मल स्कैनर से भी श्रद्धालुओं के तापमान की जांच की जा रही है।

निजी खेल संस्थान व कोच भी नहीं दे पाएंगे कोचिंग : इस बीच, खेल विभाग के प्रमुख सचिव आलोक कुमार का कहना है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए फिलहाल अभी उन खेलों को ही स्थगित किया गया है, जिसमें खिलाड़ी एक दूसरे के संपर्क में आकर खेलते हैं। अन्य खेल गतिविधियों को जारी रखा गया है, लेेकिन उनके आयोजन के दौरान कोविड के दिशा-निर्देश का सख्ती से पालन करना होगा, जिन्हें खेल मंत्रालय की ओर से 29 फरवरी को जारी किया गया था। उन्होंने बताया कि सभी खेल संस्थानों को इस आदेश की जानकारी दे दी गई है। इस आदेश का पालन निजी खेल संस्थानों व कोचिंग देने वालों को भी करना होगा। शहर में विभिन्न खेलों की कोचिंग देने वाले कोच भी अगला आदेश जारी होने तक एक दूसरे के संपर्क में आने वाले खेलों की कोचिंग नहीं दे सकते।

  • 'मां का पवित्र भवन पूरी तरह से कोरोना संक्रमण से मुक्त रहे और श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के यात्रा करते रहें, इसलिए इस तरह की रोक फिर से लगाई गई है।' -रमेश कुमार, सीईओ, माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड
  • यह खेल स्थगित : बाक्सिंग, कुश्ती, जूडो, कराटे, कबड्डी, खो-खो, थांगा-टा, ताइक्वांडो, वुशु व एक-दूसरे के संपर्क में आकर या करीब रहकर खेले जाने वाले अन्य खेल भी।

कश्मीर में सभी होटलों में दो-दो कमरे कोरोना संक्रमितों के लिए आरक्षित : कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन ने मंगलवार को कश्मीर में सभी होटल मालिकों व संचालकों को अपने होटल में दो-दो कमरों को क्वारंटाइन कक्ष के तौर पर आरक्षित रखने का निर्देश दिया है। क्वरंटाइन कक्षों में संक्रमित पाए जाने वाले पर्यटकों को रखा जाएगा। उल्लेखनीय है कश्मीर में बीते एक पखवाड़े के दौरान दो कोरोना संक्रमित पर्यटकों की मौत हो चुकी है। बीते मार्च माह के दौरान श्रीनगर एयरपोर्ट पर आने वाले करीब एक हजार यात्रियों में कोरोना के लक्षण पाए गए हैं। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि वादी आए कई पर्यटकों के कोरोना पाजिटिव पाए जाने के बाद ही प्रशासन ने यह कदम उठाया है। पर्यटन निदेशक डा. जीएन इट्टू ने कहा कि हमने सभी होटल मालिकों से सहयोग का आग्रह किया है।

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