कहीं बिस्तर की कमी, तो कहीं वेंटिलेटर ही नहीं, इलाज के साथ - साथ अंतिम संस्कार के लिए भी करना पड़ रहा है लंबा इंतजार
देश में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है, ये तो आप हमेशा पढ़ रहे हैं लेकिन क्या आपने कभी समझने की कोशिश की है कि यह खतरा कितना बढ़ा है.आप देश के आंकड़ों से अगर स्थिति की गंभीरता नहीं समझ रहे तो अपने राज्य के आंकड़ों से भी हालात का अंदाजा लगा सकते हैं. कोरोना संक्रमण की नयी लहर पहले से ज्यादा खतरनाक और जानलेवा है. देश के जिन राज्यों में संक्रमण का खतरा बढ़ा है वहां कई तरह की परेशानियां हैं. ज्यादातर अस्पताल में बिस्तरों की कमी है.ऐसे में जरूरी है कि आप संक्रमण से दूर रहें. आइये समझते हैं क्या है हालात आंकड़ों में समझें देश की स्थितिमंगलवार को जारी आंकड़े के अनुसार देश में 1.25 फीसदी लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो गयी. अब भी देश में 9.24 मामले संक्रमित हैं ये आंकड़ा स्थिर नहीं है इसमें लगातार बढोतरी हो रही है. मृतकों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है. अगर आप देश में 1.25 फीसद लोगों की कोरोना से हुई मौत को कम मान रहे हैं तो आपको स्पष्ट आंकड़ा देते हैं अबतक कोरोना संक्रमण से मरने वालों की संख्या 1,71,058 हो चुकी है जिस वक्त यह आंकड़ा आप पढ़ रहे हैं मरने वालों की संख्या में इजाफा हो चुका होगा क्योंकि मंगलवार को जारी हुए आंकड़े के अनुसार एक दिन में 879 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण से हुई. कोरोना संक्रमितों की रफ्तार भी लगातार बढ़ रही है मंगलवार को 1,61,736 नये मामले सामने आये. देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 12,64,698 संक्रमण के मामले एक्टिव हैं. अगर हम यह समझें कि देश में अबतक 1,63,89,453 केस दर्ज हो चुके हैं. देश में संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा उठा रहा है महाराष्ट्रये तो देश का आंकड़ा है अब राज्यों की गंभीरता को समझना बेहद जरूरी है. इन आंकड़ों में सबसे बड़ा हिस्सा महाराष्ट्र का है. कोरोना की पहली लहर ने भी इस राज्य को अपना निशाना बनाया और जब दूसरी लहर ने दस्तक दी तो महाराष्ट्र एक बार फिर आगे है. महाराष्ट्र में मंगलवार को जारी हुए आंकड़े के अनुसार 5,96,042 संक्रमण के मामले हैं. देश में जितने भी संक्रमण के मामले सामने आये हैं उसका यह आधा हिस्सा है. मंगलवार को ही एक दिन में 60 हजार से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आये. राज्य में कई मामले सामने आये हैं जिससे यह पता चलता है कि महाराष्ट्र पूरी तरह से लगातार कोरोना से बढ़ रहे मामलों से लड़ने के लिए कितना सक्षम है. खबर आयी कि कोरोना से हुई मौत के बाद पार्थिव शरीर को ढकने के लिए कचरे के लिए इस्तेमाल की जा रही पॉलिथीन में लपेटा जा रहा है. यह शव के पैकिंग की सुविधा नहीं है इसलिए शव वाहन को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है और परिजनों को सही समय पर अपनों का पार्थिव शरीर नहीं मिल रहा है. एक तरफ पार्थिव शरीर के साथ उचित व्यस्था की स्थिति खराब है तो दूसरी तरफ संक्रमण के वक्त अगर आप इलाज कर रहे हैं तो ऑक्सीजन की भी कमी बतायी जा रही है. कई जगहों पर वेंटिलेटर नहींदेश की आर्थिक राजधानी का हाल आपने समझ लिया अब देश की राजधानी का हाल समझिये यहां भी लगातार कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि हो रही है. मंगलवार को जारी किये गये आंकड़े के अनुसार राज्य में एक दिन में 81 लोगों की मौत हो गयी संक्रमण के एक दिन में ही 13468 नये मामले सामने आये राज्य में एक्टिव केसों की संख्या 43510 हो गयी. कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए कई तरह के कड़े प्रतिबंध राज्य सरकार द्वारा लगाये गये हैं. संक्रमण का मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा और वहां के कई कर्मचारी संक्रमित पाये गये. दिल्ली में संक्रमितों की स्थिति अच्छी नहीं है 57 अस्पतालों में एक भी वेंटिलेटर उपलब्ध नहीं है. आप अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर कोरोना से संक्रमित व्यक्ति को सांस लेने में गंभीर रूप से परेशानी हुई और वेंटिलेटर की जरूरत पड़ी तो इन 57 अस्पतालों में उसका क्या हाल होगा. दिल्ली के 66 अस्पतालो में कोई जगह खाली नहीं है कोरोना को लेकर सख्त है मध्यप्रेदशमध्यप्रदेश में भी लगातार कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहा है. राज्य के कई प्रमुख शहरों में कर्फ्यू लगा दिया गया है इन सख्त फैसलों के बावजूद कई जगहों पर लोग हबाहर दिख रहे हैं. भोपाल में नवरात्र के लिए लोग मंदिर आकर पूजा कर रहे हैं. प्रशासन लगातार इनसे अपील कर रहा है लेकिन आश्था भारी पड़ रही है, लोग बाहर निकल रहे हैं .राज्य में कोरोना के आंकड़े भी छुपाये जा रहे हैं आजतक में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार भोपाल में कई श्मशान घाट हैं एक दिन में यहां 187 से ज्यादा लोगों का अंतिम संस्कार किया गया दूसरी तरफ सरकारी आंकड़ो में सिर्फ पांच लोगों की मौत दिखायी गयी ये आंकड़े भी चार दिनों के बताये गये. इस पर अब राजनीति तेज हो गयी है. अस्पताल के बाहर मर्च्यूरी में पड़ी है लाशेंछत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के मंगलवार को ही 11504 मामले सामने आये. रायपुर में अंबेडकर अस्पताल के बाहर मौजूद मर्च्यूरी की हालात देखकर राज्य में हालात की गंभीरता का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है. इस अस्पताल के बाहर मर्च्यूरी में कई लोगों की लाश पड़ी हुई है. श्मसान घाटों में भी लंबी वेटिंग लिस्ट है. राज्य की राजधानी में 18 श्मशान घाट है इनमें से 11 को कोरोना संक्रमण से हुई मौत के लिए आरक्षित कर दिया गया है इसके बावजूद भी लोगों को इंतजार करना पड़ रहा है. राज्य में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कई जगहों पर सख्ती से नियमों का पालन करने की अपील की गयी है. कई जगहों पर धारा 144 लागू है तो कई शहरों में सख्त लॉकडाउन की तैयारी है. यूपी में सरकार ले सकती से सख्त फैसलाउत्तर प्रदेश के ज्यादातर प्रवासी मजदूर बड़े शहरों में काम करते हैं कोरोना के बाद कई शहरों में बढ़े खतरे के बाद वो वापस अपने गांव अपने घर लौटने लगे हैं. राज्य सरकार का कहना है कि यूपी में बढ़ते संक्रमण का एक अहम कारण यह भी है. मंगलवार को ही राज्य में 18 हजार से ज्यादा कोरोना संक्रण के मामले दर्ज किये गये. यूपी में लगातार संक्रमितों की संख्या में इसी तरफ का इजाफा हो रहा है. राज्य में लगातार बढ़ते मामले को देखते हुए एक बार फिर संपूर्ण लॉकडाउन पर फैसला लिया जा सकता है. अस्पताल में बिस्तर नहीं, लगातार बढ़ रहा आंकड़ाबिहार में बढ़ते संक्रमण का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कई बड़े अस्पतालों के बाहर हाउसफूल यानि बेड उपलब्ध नहीं है का पोस्टर लगा दिया गया है. पटना में 1200 से ज्यादा बेड उपलब्ध हैं राज्य में एक दिन में 1000 से 1500 संक्रमण के मामले हर दिन केवल पटना में आ रहे हैं ऐसे में यहां बिस्तरों के कमी की संभावना लगातार बढ़ रही है. राज्य में संक्रमण का खतरा तो आंकड़ों के साथ बढ़ ही रहा है अस्पतालों की स्थिति देखकर आप भी अंदाजा लगा सकते हैं कि राज्य इस संक्रमण से कैसे निपट रहा है. केंद्र से मदद की अपील, बिस्तरों की संख्या कमझारखंड में संक्रमण के बाद का अंदाजा इसी से लगा लें कि झारखंड ने केंद्र को चिट्ठी लिखकर 1500 वेंटिलेटर की मांग की है. राज्य के सरकारी अस्पतालों में सिर्फ 500 वेंटिलेटर हैं. झारखंड में औसतन हर दिन 1500 संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं, आप हालात की गंभीरता का अंदाजा आसानी से लगा सकते हैं. लगातार बढ़ रहे संक्रमण के आंकड़े अस्पताल में भी मरीजों की संख्या बढ़ा रहे हैं.रिम्स में 361 बेड हैं लगातार बढ़ रही संख्या से निपटने के लिए बेड की संख्या का यह आंकड़ा सामान्य नहीं है . लोग अपने परिजनों के साथ यहां कई दिनों से बिस्तर का इंतजार कर रहे हैं. रांची के सदर अस्पताल के बाहर इलाज के अभाव में एक व्यक्ति की मौत हो गयी. उसकी बेटी मदद मांगती रही लेकिन अस्पताल के बाहर मदद के लिए कोई नहीं पहुंचा. हैरान करने वाली बात यह है कि उस वक्त राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अस्पताल के अंदर हालात का जायजा ले रहे थे |
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