मुंह का स्वाद खोना ही नहीं, ये भी हैं कोरोना महामारी के लक्षण, न करें नजरअंदाज

 


 कोरोना महामारी के हमले से देश एक बार फिर कांप रहा है। हालात दिन ब दिन बिगड़ते जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि कोरोना की यह दूसरी लहर पहले वाली से कहीं ज्यादा खतरनाक है और यही कारण है कि ज्यादा लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। ताजा खबर यह है कि कोरोना का वायरस लगातार अपने रूप बदल रहा है। इसके लक्षण भी बदल रहे हैं। पहले कहा गया था कि मुंह का स्वाद खोना भी कोरोना का एक अहम लक्षण है। वहीं ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि मुंह से जुड़ा यही एक मात्र लक्षण नहीं है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, कोरोना के कई अन्जान लक्षण भी सामने आए हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, कोरोना का वायरस मुंह की सेल को भी संक्रमित करता है। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि COVID-19 रोगियों में से आधे ने मौखिक लक्षणों का अनुभव किया है, जिसमें मुंह का स्वाद खोना, मुंह बार-बार सुखना और घाव होना शामिल हैं।

कोरोना वायरस (कोविड-19) से मामूली रूप से संक्रमित होने वाले लोगों पर भी इस घातक वायरस का दीर्घकालीन असर पड़ सकता है। एक नए अध्ययन में कुछ इसी तरह की बात सामने आई है। इसका दावा है कि कोरोना से मामूली रूप से पीड़ित होने वाले हर दस में से एक व्यक्ति को संक्रमण के आठ माह बाद भी किसी एक तरह के लक्षण का सामना करना पड़ सकता है। यह लक्षण मध्यम से लेकर गंभीर स्तर तक का हो सकता है। इसका कामकाज और सामाजिक या निजी जीवन पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। सूंघने और स्वाद की क्षमताओं में कमी और थकान जैसे दीर्घकालीन लक्षण हो सकते हैं।

जेएएमए पत्रिका में अध्ययन के नतीजों को प्रकाशित किया गया है। स्वीडन के डैंडरीड हॉस्पिटल और कारोलिंस्का इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने कोरोना संक्रमण के बाद शरीर में बनने वाली इम्यूनिटी को मुख्य रूप से ध्यान में रखकर यह अध्ययन किया है। इस अध्ययन की प्रमुख शोधकर्ता चार्लोट थालिन ने कहा, "हमने मामूली रूप से कोरोना की चपेट में आने वाले युवा और कामकाजी लोगों में दीर्घकालीन लक्षणों पर गौर किया। हमने सूंघने और स्वाद में कमी को मुख्य रूप से पाया।" उन्होंने बताया, "प्रतिभागियों में थकान और सांस संबंधी समस्याएं भी पाई गईं।" गत वर्ष किए गए अध्ययन में 2,149 प्रतिभागियों के रक्त के नमूने एकत्र किए गए। इनमें से 19 फीसद में एंटीबॉडी की मौजूदगी पाई गई। गत जनवरी में इनसे लक्षणों के संबंध में प्रश्नावली भरवाई गई थी। शोधकर्ताओं ने इनके विश्लेषण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है।

टिप्पणियाँ

समाज की हलचल

घर की छत पर किस दिशा में लगाएं ध्वज, कैसा होना चाहिए इसका रंग, किन बातों का रखें ध्यान?

समुद्र शास्त्र: शंखिनी, पद्मिनी सहित इन 5 प्रकार की होती हैं स्त्रियां, जानिए इनमें से कौन होती है भाग्यशाली

सुवालका कलाल जाति को ओबीसी वर्ग में शामिल करने की मांग

मैत्री भाव जगत में सब जीवों से नित्य रहे- विद्यासागर महाराज

25 किलो काजू बादाम पिस्ते अंजीर  अखरोट  किशमिश से भगवान भोलेनाथ  का किया श्रृगार

मुंडन संस्कार से पहले आई मौत- बेकाबू बोलेरो की टक्कर से पिता-पुत्र की मौत, पत्नी घायल, भादू में शोक

जहाजपुर थाना प्रभारी के पिता ने 2 लाख रुपये लेकर कहा, आप निश्चित होकर ट्रैक्टर चलाओ, मेरा बेटा आपको परेशान नहीं करेगा, शिकायत पर पिता-पुत्र के खिलाफ एसीबी में केस दर्ज