कई बार लगा चुके हैं गुहार, एमजीएच में अलग से नहीं बना रहा थैलेसीमिया ग्रेषित बच्चों के लिए वार्ड

 


 भीलवाड़ा   हलचल। जिले में रक्त विकार संबंधित रोग थैलेसीमिया से करीब 90 बच्चे पीडि़त है।  लेकिन जिला अस्पताल में इस बीमारी से ग्रषित बच्चों के इलाज के यहां अलग से कोई वार्ड नहीं है। इसे लेकर बच्चों के अभिभावक सीएम से लेकर अस्पताल प्रबंधन तक से गुहार कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। 
एक अभिभावक किरण कुमार ने बताया कि थैलेसीमिया बीमारी से पीडि़त बच्चों के शरीर में लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण नहीं हो पाता है। इससे पीडि़त बच्चों को नियमित अंतराल के बाद रक्त की आवश्यकता पड़ती है। इस सुविधा के लिए थैलेसीमिया से पीडि़त बच्चों के अभिभावक पिछले 5 वर्षों से राजकीय महात्मा गांधी चिकित्सालय में अलग से थैलेसीमिया वार्ड बनाने के लिए संघर्षरत है। इसके लिए अभिभावकों ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री के साथ ही एमजीएच पीएमओ से कई बार गुहार लगाई, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ।  बीमारी से पीडि़त बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होने के कारण अन्य बीमारी से ग्रसित बच्चों के साथ इनको भर्ती करके ब्लड चढ़ाने से इन्हें अन्य बीमारियों से ग्रसित होने का खतरा हमेशा बना रहता है। किरण कुमार का कहना है कि अभिभावकों की ओर से बार-बार गुहार लगाई जा रही है, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।  

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