पंचायत समिति स्तर पर नंदी गोशालाएं चलाने वाला पहला राज्य बना राजस्थान

 


राजस्थान के गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने शुक्रवार को विधानसभा में बताया कि राजस्थान देश का ऎसा पहला प्रदेश है जहाँ गोपालन विभाग के माध्यम से प्रत्येक पंचायत समिति स्तर पर नंदी गौशालाए स्थापित कर आवारा गौवंश के सुरक्षा एवं संरक्षण का कार्य शुरू किया गया है। गोपालन मंत्री प्रश्नकाल में विधायकों के पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि पंचायत समिति स्तर पर नंदी गौशालाए स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य आवारा गो-वंश का भरण-पोषण करने के साथ उनका संरक्षण भी करना है। 

 

उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में पहले गो-सेवा से जुड़ी विभन्नि धार्मिक संस्थाओं एवं साधु-संतो व जनप्रतिनिधियों से चर्चा कर फीड बैक के आधार पर नंदी गौशालाए बनाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि 1.50 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली प्रत्येक नंदी गौशाला में 90 प्रतिशत राशि राज्य सरकार एवं 10 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार द्वारा वहन की जायेगी। उन्होंने बताया कि नंदी गौशाला चलाने के लिए आवश्यक शर्तो के अनुसार जो संस्था इनको बनायेगी उसको 20 वर्ष तक इनका संचालन करना भी जरूरी होगा। 

पहले इन गौशालाओं का निर्माण राज्य सरकार द्वारा किया जाना था, लेकिन अब जो संस्था निर्माण करायेगी, उसके द्वारा ही इसका संचालन भी किया जायेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नंदी गौशालाओं का निर्माण समय पर पूर्ण कर संचालन समय पर नहीं करने का दोषी कोई भी व्यक्ति विशेष नहीं है। बल्कि बार-बार कोरोना की लहर आने एवं इसको व्यवहारिक बनाने में समय लगने के कारण देरी हुई है। 

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