आकाश का सूर्य तो समय पर अस्त होता है लेकिन जीवन रूपी सूर्य कब अस्त हो जाए यह पता नहीं होता – साध्वी मधु कंवर

 


भीलवाड़ा (हलचल)

 

जिस कार्य को करने योग्य समझ लिया जाए और उसे करने की सुविधा आपके पास हो उसे टालना नहीं चाहिए और आज ही करना चाहिए। यह बात अहिंसा भवन में विराजित साध्वी मधु कंवर मासा ने आज आयोजित धर्मसभा में उपस्थित श्रावक श्राविकाओं को व्यक्त करते हुए कहा कि इसान को कभी भी अपने कार्य कल पर नहीं टालने चाहिए और जो भी करना है उसे आज ही करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आकाश का सूर्य तो समय पर अस्त होता है लेकिन जीवन रूपी सूर्य कब अस्त हो जाए यह पता नहीं होता। इसलिए जीवन रूपी सूर्य के अस्त होने से पहले प्रभु की उपासना करे, क्योंकि जीवन की संध्या आने पर रोशनी धुंधली हो जाएगी और चारों ओर अंधकार व्याप्त हो जाएगा। अगर इसान इस चढ़ते सूर्य के समय प्रभु की उपासना करेगा तो उसका जीवन प्रकाशमय हो जाएगा तथा उसका जीवन सफल हो जाएगा। इसलिए इसान को अपना कोई भी कार्य कल पर नहीं छोड़ना चाहिए और उचित सुविधा होने पर उस कार्य को आज ही निपटाने की कोशिश करनी चाहिए। जो व्यक्ति ये सोचते रहते है कि अभी समय बहुत पड़ा है ये कार्य कल कर लेंगे उनका जीवन इसी तरह गुजर जाता है और वे अपने जीवन में बिना कुछ किए चले जाते है। साध्वी प्रतिभा कंवर मासा ने फरमाया कि स्वस्तुति का श्रवण करने से ज्ञाना वर्णीय कर्मों का क्षय होता है, जिसे काल प्रति लेखना कहते हैं! इसका मतलब “समय” से है समय की पहचान होना समय का सही सदुपयोग करना काल प्रति लेखना कहलाता है! जो समय को पहचान लेता है, समय का सदुपयोग करता है वह महान बन जाता है! समय को एक क्षण भी रोक नहीं सकते वह बहती धारा के समान है जो वापस नहीं लौटता! हमें जो कार्य जिस समय करना है उसी समय करना चाहिए! स्वाध्याय सामायिक, साधना, भोजन, नींद, खाना पीना, सब अपने अपने समय पर होना चाहिए, समय बहुमूल्य है अनमोल है। साध्वी डॉ चिंतन श्री मासा ने प्रसंग सुनाते हुए फरमाया कि अंगुलीमाल जिस जंगल में रहता था वह अपने संपर्क में आए सभी लोगों को मारकर उनकी अंगुलियों की माला बनाकर पहनता था। भगवान बुद्ध के संपर्क में आने के बाद जब बुद्ध ने कहा कि मैं तो स्थिर हूं तुम भी स्थिर हो जाओ तुम ज्यादा विचलित हो, अंगुलीमाल भगवान बुद्ध के उपदेश सुनकर उनके पैरों में गिर जाता है। वहां का राजा जब अंगुली माल को पकड़ने के लिए सेना सहित आता है तब भगवान बुद्ध कहते हैं कि जिसे तुम कारावास में डालना चाहते हो वह तो मेरे कदमों में पड़ा है और उसने संयम अंगीकार कर लिया है। हमें चाहिए कि हम अच्छे लोगों से मिले अच्छे विचार आदान प्रदान करें और गुरु भगवंतो का अनुसरण करें। धर्मसभा का संचालन संघ के मंत्री सुशील चपलोत ने किया। श्री संघ सरक्षक हेमंत आंचलिया अध्यक्ष अशोक पोखरना ने बताया कि आज बेगू श्री संघ से प्रतिनिधिमंडल साध्वी व्रंध के दर्शन लाभ लेने पहुंचा। प्रचार प्रसार समिति के संयोजक मनीष बंब ने बताया की दिनांक 1 अक्टूबर से अहिंसा भवन में ओली तप आराधना कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

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