भीलवाडा को ग्रीन जोन में परिवर्तित करने की मांग

भीलवाड़ा हलचल। मेवाड चेम्बर ऑफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री ने जिला कलक्टर को प्रतिवेदन भेजकर भीलवाडा के शहरी क्षेत्र, तहसील एवं जिले के अन्य ऐसे क्षेत्र जहां कोरोना के केस नही मिले है, को ग्रीन जोन में परिवर्तित करने, कफ्र्यू में ढील देने, बाजारों में दुकाने एवं ऑफिस खोलने की अनुमति देने की मांग की है।
मेवाड चेम्बर ऑफ काॅमर्स एण्ड इण्डस्ट्री के मानद महासचिव आर के जैन ने बताया कि भीलवाडा शहर में 9 अप्रेल के बाद कोई भी नया कोराना पाॅजिटिव केस नही आया है। वर्तमान में जो भी नये केसेज आये है वे बाहर से आने व्यक्तियों के कारण से आये है।  
केन्द्र एवं राज्य सरकार ने 20 अप्रेल 2020 से माॅडिफाइड लोकडाउन लागू किया, जिसके तहत विभिन्न श्रेणी के उद्योग, ग्रामीण क्षेत्र के उद्योग एवं कन्टेन्टमेन्ट जोन के बाहर स्थित उद्योग जिला प्रशासन से आवश्यक अनुमति के बाद चालू किये जाने का प्रावधान था। भारत सरकार द्वारा दिनांक 1 मई 2020 को जारी की गई माॅडिफाइड गाइडलाइन्स के अनुसार, राज्य सरकार ने 2 मई 2020 को गाइडलाइन्स जारी की एवं उसके बाद पुनः 5 मई 2020 को स्पष्टीकरण जारी किये गये। इसके अनुसार निर्देशों की पालना के साथ सभी उद्योगों को प्रारम्भ करने, कार्यालय खोलने का प्रावधान है।
जिला कलक्टर की ओर से 3 मई 2020 को जारी परिपत्र के द्वारा 4 मई से भीलवाडा मुख्यालय पर 10 से 5 बजे के मध्य दुकाने एवं कार्यालय चालू करने की इजाजत प्रदान की गई। असमंजस के कारण एवं बिना उचित व्यवस्था के कारण बाजार में भीड़ ज्यादा होने पर पुनः भीलवाडा शहर में कफ्र्यू लगा दिया।
जैन ने कहाकि देश में भीलवाडा की जनता ने कोविड महामारी का सबसे लम्बा कफ्र्यू सहन किया एवं कफ्र्यू समाप्त करने के बाद बाजार में भीड़ बढना स्वाभाविक था। कुछ व्यक्तियों द्वारा नियमों की पालना नही करने की सजा पूरे शहरवासियों को नही मिलनी चाहिए। जो व्यक्ति नियमों का पालन नही करता है, बिना मास्क लगा कर घूमता है, सोशल डिस्टेंसिंग नही रखता है, उन लोगों पर उचित पेनेल्टी लगाना चाहिए।
वर्तमान में राजस्थान में जयपुर एवं जोधपुर सबसे हाॅट सेन्टर बने हुए है, जहां जयपुर में 1099 एवं जोधपुर में 812 कोरोना के केस है, वहां पर भी चिन्हित कन्टेन्टमेन्ट जोन में ही कफ्र्यू लगा है एवं पूरे शहर में नियमानुसार ढील दी गई है। 9 अप्रेल के बाद भीलवाडा में जो भी केस आये, उनमें से अधिकतर बाहर से आने वालों के थे। ऐसे में जहां कोई केस मिल रहा है, उसे कन्टेन्टमेन्ट जोन बनाकर सख्ती करना तो ठीक है, लेकिन पूरे भीलवाडा शहर की जनता को अब कफ्र्यू में रखना उचित प्रतीत नही होता।  
केन्द्र सरकार के गृह मंत्रालय ने विभिन्न श्रेणियों में दी गई इजाजत एवं उसके बाद जारी स्पष्टीकरण तथा राज्य सरकार की ओर से जारी इसी तरह के परिपत्र में लोकडाउन में विभिन्न छुटों का प्रावधान किया गया है। रेड जोन एवं ओरेन्ज जोन में 33 प्रतिशत स्टाफ के साथ कार्यालयों को भी संचालित करने की इजाजत दी गई है। राज्य सरकार द्वारा 5 मई 2020 को जारी किये गये स्पष्टीकरण में नगर परिषद की सीमा में स्थित उद्योगों को आवश्यक शर्तो की पूर्ति के साथ कार्य प्रारम्भ करने का प्रावधान किया गया है।  
भीलवाडा शहर में कफ्र्यू लगा होने के कारण श्रमिक, नियोक्ता एवं उद्योगपति अपने कार्यस्थल पर नही जा पा रहे है। अतः राज्य सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरुप प्रातः 7 बजे से सायं 7 बजे तक कार्यालय खोलने एवं व्यक्तियों को उद्योगों व कार्यालय में आने जाने की छूट प्रदान की जानी चाहिए। साथ ही भीलवाडा में कूरियर सर्विसेज चालू नही होने के कारण निर्यातक एवं अन्य व्यक्तियों को काफी परेशानी हो रही है।  
भीलवाडा को पूरे देश में टेक्सटाइल सिटी के रुप में जाना जाता है, लेकिन दो माह से यहां का सारा व्यवसाय पूर्ण रुप से बन्द है। ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ उद्योग चालू हुए है, वे भी पूरी क्षमता से नही चल पा रहे है। एक तरफ सरकार उद्योगों को चलाने का प्रयास कर रही है, दूसरी ओर मजदूरों का पलायन यहां से हो रहा है। यही स्थिति रही तो आने वाले समय में उद्योगों को चलाना बहुत मुश्किल होगा।


 


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