गुलाबपुरा का तेलीपाड़ा कोरोना हॉटस्पॉट, मकान सीज, पीडि़त के परिजनों को घर भेजने जताया रोष

 भीलवाड़ा हलचल। दामाद के साथ ही एक परिवार के दो सदस्यों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद गुलाबपुरा के तेलीपाड़ा को कोरोना हॉटस्पॉट मानकर एक मकान को बल्लियां लगाकर सीज कर दिया गया। उधर, इसी परिवार के पांच सदस्यों को दो दिन पहले चिकित्सा महकमे ने विशेष परिस्थितियां बताकर क्वारैंटीन सेंटर्स से घर भिजवा दिया, जिसे लेकर भी लोगों में खासी नाराजगी और रोष है।   
यहां उल्लेखनीय है कि जयपुर से अपनी पत्नी से मिलने पिछले दिनों आया दामाद कोरोना जांच कराने पर पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद चिकित्सा महकमे ने परिवार सहित आस-पास के कुछ लोगों, कृषि मंडी के एक व्यापारी और चार-पांच हम्माल को जांच के लिए अस्पताल ले गया। पॉजिटिव युवक की पत्नी, बच्चों सहित दो अन्य महिलाओं को एक होटल में क्वारैंटीन किया गया। जहां पॉजिटिव युवक की पत्नी ने क्वारैंटीन सेंटर की छत पर चढ़कर आत्महत्या की धमकी दी। 
इसे लेकर चिकित्सा महकमे ने खास परिस्थिति बताकर इस महिला के साथ ही दो अन्य महिलाओं व बच्चों को रिपोर्ट नेगेटिव आने पर सेंटर से घर भिजवा दिया था। इस बीच, पॉजिटिव युवक के दो साले भी कोरोना संक्रमित पाये गये, जिन्हें जिला अस्पताल में आइसोलेट कर दिया गया था। उधर, एक ही परिवार के तीन लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद गुलाबपुरा के तेलीपाड़ा में हड़कंप मच गया। इलाके को हॉटस्पॉट मानकर मकान को बल्लियां लगाकर सीज कर दिया गया। 
इस बीच, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुस्ताक खान ने गुलाबपुरा के उपखंड अधिकारी आलोक जैन को पत्र लिखा कि इन व्यक्तियों का 27 अप्रेल को सैम्पल लेकर क्वारेंटाइन किया था लेकिन विशिष्ट परिस्थितियों के कारण पांच जनों को डिस्चार्ज कर होम क्वारेंटाइन में रहने के आदेश दिए हैं। इधर, एसडीएम ने मकान को सील कर तीन पारियों में 8-8 घंटे के लिए सरकारी कर्मचारी तैनात कर दिए। इसी मामले में दो एंबुलेंस ड्राइवर भीलवाड़ा में रखे गए हैं। इनकी रिपोर्ट को लेकर गुलाबपुरा के बाशिंदे चिंतित है। 
उधर, चिकित्सा विभाग के इस कदम को भाजपा ने गलत ठहराते हुये सीएम को पत्र लिखा। एक दिन पहले भाजपा जिलाध्यक्ष लादूलाल तेली के द्वारा लिखे गये पत्र में बताया गया कि गुलाबपुरा के कोरोना रोगी के रिश्तेदारों की ओर से आत्महत्या की धमकी के बावजूद उसकी पत्नी समेत पांच सदस्यों को घर भेज दिया गया। यह निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रशासन ने तुष्टिकरण की नीति के तहत यह निर्णय दिया है। तेली ने पत्र में लिखा कि गुलाबपुरा के रोगी की पत्नी व परिजनों ने भीलवाड़ा के निजी होटल में क्वारेंटाइन के दौरान कर्मचारियों को मरने-मारने की धमकी दी। इसके बाद भी पुलिस ने उसके खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज नहीं किया और उसे, चार अन्य सदस्यों के साथ सेंटर से घर छोडऩे के विशेष आदेश दिये, जो प्रशासन की दोगली नीति प्रतित होती है।  


महिला का यह है कहना
क्वारैंटीन सेंटर में खुदकुशी की धमकी देने वाली महिला ने कहा था कि उन्हें सेंटर में सही खाना नहीं दिया गया। वे, चाय-बिस्कि ट के सहारे वहां समय बिता रहे थे। बच्चों के लिए ही उसने मजबूरी में विरोध किया था।  



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