कृषक कल्याण फीस का उपयोग किसानों के कल्याण के लिए होगा

  राजसमन्द (राव दिलीप सिंह)  वित्तीय वर्ष 2019-20 के परिर्वतित बजट में किसानों के लिए श्म्ेंम व िक्वपदह ठनेपदमेेश् की तर्ज पर म्ेंम व िक्वपदह थ्ंतउपदह की ओर बड़ा कदम उठाते हुए 1 हजार करोड़ रुपए के कृषक कल्याण कोष (के-3) के गठन एवं इस कोष से किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाने की घोषणा की गई थी।


    कृषि उपज मण्डी के सचिव ने बताया कि घोषणा द्वारा कृषि उपज मंडी अधिनियम में 16 दिसम्बर 2019 को संशोधन कर कृषक कल्याण कोष गठित किया गया। जिसके मुख्य उद्देश्यों के तहत समर्थन मूल्य पर क्रय की जा रही कृषि जिंसों के तुरंत भुगतान के लिये निधि की व्यवस्था, कृषि जिंसों के बाजार भाव गिरने पर बाजार हस्तक्षेप योजना लागू करना, प्लेज फाइनेंसिंग, राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय व कृषि र्नियात को प्रोत्साहन नीति के अंतर्गत अनुदान स्वीकृति के लिये वित्त प्रबंधन, किसानों की कृषि जिंसों के विपणन हेतु मंडियों का विकास, राज्य सरकार के अनुमोदन से कृषक कल्याण से संबंधित अन्य गतिविधियां आदि के बारें में जानकारी दी।


    उन्होंने बताया कि घोषणा में राजस्थान राज्य कृषि विपणन र्बोड द्वारा 1-1 हजार करोड़ कुल 2 हजार करोड़ का कोष सृजित किया गया है। इस राशि में से 1500 करोड़ रुपए कृषि विभाग को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के राज्यांश प्रीमियम भुगतान किए जाएंगे। राज्य के किसानों की आय वर्ष 2022 तक दुगनी किए जाने के लक्ष्य तहत कोष से कृषक कल्याण की विभिन्न गतिविधियां संपादित की जाएंगी।


    उल्लेखनीय है, कि राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति का क्रियान्वयन भी इसी कोष से किया जा रहा है। नीति के अंर्तगत अब तक 15 प्रकरणों में राशि 5.91 करोड़ रुपए का अनुदान स्वीकृत किया गया है और 38 आवेदन लंबित हैं।


    राजस्थान में अधिसूचित कृषि जिंसों की मंडी शुल्क की अधिकतम 1.60 प्रतिशत तक है जबकि समीपस्थ राज्य पंजाब में 3 प्रतिशत, हरियाणा में 2 प्रतिशत  तक वह उत्तर प्रदेश में 2 प्रतिशत तक है। पंजाब हरियाणा आदि राज्यों में मंडी शुल्क के अतिरिक्त विकास शुल्क पूर्व से ही लिया जा रहा है जो क्रमशः 3 व 2 प्रतिशत हैं। कृषक कल्याण फीस का भार किसानों व व्यापारियों पर नहीं पड़ेगा एवं इस राशि का उपयोग किसानों के कल्याण के लिए ही किया जाएगा।


    उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा 5 मई को जारी अधिसूचना के द्वारा मंडी क्षेत्र में लाई गई या क्रीत या विक्रीत की गई कृषि उपज पर मंडी समितियों द्वारा 2 रू. प्रति सैकड़ा की दर से कृषक कल्याण फीस उद्ग्रहित किए जाने के प्रावधान किए गए हैं। संकलित फीस राजस्थान राज्य कृषि विपणन र्बोड के कृषक कल्याण कोष में जमा होगी, जिसका उपयोग केवल कृषक कल्याण की गतिविधियों या योजनाओं के संचालन के लिये किया जाएगा।


    राज्य सरकार ने 592 सहकारी समितियों एवं राजस्थान राज्य भंडार व्यवस्था निगम के 93 वैयरहाउस को निजी गोण मंडी के रूप में अधिसूचित किया है, जहां किसान अपनी कृषि उपज का विक्रय अपने गांव के समीप ही कर सकेंगे। इसी प्रकार 1522 प्रसंस्करण इकाईयों को किसानों से उनकी कृषि उपज की सीधी खरीद का अनुज्ञा पत्र दिया है।


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