लॉकडाउन लंबा चला तो व्यवस्थाएं करना हमारे बस की बात नहीं होगी: विधायक अवस्थी

भीलवाड़ा (भूपेंद्र ओझा)। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर सहित राजस्थान और भीलवाड़ा में लॉकडाउन है। भीलवाड़ा ऑरेंज जोन में है और यहां पिछले 48 दिन से कफ्र्यू लगा है। अब अगर लॉकडाउन और लंबा हुआ तो गरीब व जरूरतमंदों की मदद करना हमारे बस की बात नहीं होगी क्योंकि हमारा सरकारी व निजी कोष लोगों की मदद कर करके खाली हो चुका है। यह बात विधायक विट्ठलशंकर अवस्थी ने भीलवाड़ा हलचल से विशेष बातचीत के दौरान कही।


विधायक अवस्थी ने कहा कि लॉकडाउन के चलते देश को रेड, ऑरेंज और ग्रीन, इन तीन जोन में बांटा गया है। प्रधानमंत्री ने इन जोन के मुताबिक राहत भी दी है। भीलवाड़ा में भी प्रशासन को प्रयास कर जनता को राहत देने का प्रयास करना चाहिए। विधायक ने कहा कि प्रशासन ने 4 मई को शहर को दो भाग में बांटकर कफ्र्यू में छूट दी लेकिन बाजार में भीड़ जमा होने से सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं होने से छूट निरस्त कर दी गई। विधायक अवस्थी ने कहा कि प्रशासन की ओर से फल, सब्जी व दूध की जो व्यवस्था की गई, उसे अभी जारी रखना चाहिए लेकिन बाजार भी खोलने चाहिए। इसके लिए उसे लोगों व व्यापारियों को पहले ही सब कुछ स्पष्ट कर देना चाहिए जिससे व्यवस्थाएं न बिगड़े। लोगों को भी चाहिए कि वे जरूरत की चीजें अपने वार्डों की दुकानों से खरीदें, अगर वहां कोई चीज नहीं मिले तो ही बाजार में आए। कफ्र्यू में छूट देते हुए लोगों को प्रचार-प्रसार से समझाइश की जाए तो भीलवाड़ा के लोग मानेंगे और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करेंगे। 4 मई को जल्दबाजी में सब कुछ हुआ जिससे गड़बड़ हुई। विधायक ने कहा कि वे शुक्रवार को कलेक्टर से मिलेंगे और इस पर बात करेंगे। व्यवस्थाएं बनाकर छूट दी जाए और व्यापारियों व लोगों से समझाइश की जाएगी तो लोग जरूर मानेंगे क्योंकि भीलवाड़ा को रोल मॉडल बनाने में किसी का हाथ नहीं है, यह सिर्फ यहां की जनता से ही संभव हुआ। लोगों ने लॉकडाउन की पालना की और घरों में ही रहे जिससे कोरोना के संक्रमण को रोकने की दिशा में सार्थक परिणाम सामने आए। भीलवाड़ा उद्योग की नगरी है और उद्योग बंद रहने से भीलवाड़ा में जीवन संभव नहीं है। इसलिए रोजगार व व्यवसाय को फिर से शुरू करना ही होगा लेकिन उससे पहले एक कार्ययोजना बनाई जाई जिससे व्यवस्थाएं न बिगड़े तो जनजीवन सामान्य हो जाएगा नहीं तो लंबा लॉकडाउन चला तो हालात सुधरने के स्थान पर बिगडऩे वाले हैं।


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