श्मशान भूमि को लेकर उपजा विवाद, दाह-संस्कार के लिए पड़ा रहा शव, दो लोगों ने दी स्वैच्छा से दी 4 बीघा जमीन
भीलवाड़ा । जिले के थाणा गांव में श्मशान भूमि को लेकर दो पक्षों में उपजे विवाद के चलते एक ग्रामीण के शव अंतिम संस्कार घंटों तक रोकना पड़ा। बाद में दो ग्रामीणों ने स्वैच्छा से श्मशान के लिए 4 बीघा जमीन देने की घोषणा की। समझाइश के बाद विवाद खत्म होने पर शव का दाह-संस्कार हो सका।
करेड़ा पुलिस ने बताया कि शनिवार सुबह सूचना मिली कि थाणा गांव के श्मशान घाट के पास दो पक्षों में शव का दाह-संस्कार करने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। एक पक्ष के लोग शव का दाह-संस्कार करने को लेकर, जबकि दूसरा दाह-संस्कार नहीं करने देने को लेकर आपस में उलझ रहे हैं। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच की तो पता चला कि थाणा गांव के खुमाणा सिंह सौलंकी (65) की स्वभाविक मौत बीती रात हो गई।
शनिवार सुबह परिजन शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान ले गये। जहां पूर्व में स्थित रावणा राजपूत, लुहार व कुम्हार समाज के लोग वर्षों से दाह-संस्कार करते आ रहे हैं। श्मशान की 5 बिस्वा भूमि थाणा गांव के मांगीलाल पुत्र तुलसीराम गुर्जर के नाम सेटलमेंट के दौरान अलॉटमेंट हो जाने से मांगीलाल ने जमीन पर जेसीबी से मेडबंदी कर दी। उक्त श्मशान भूमि थाणा गांव के रावणा राजपूत समाज, लुहार, कुम्हार समाज के श्मशान भूमि है। पुलिस ने पटवारी को मौके पर बुलवाया। इसकी जानकारी की गई तो पता चला कि उक्त भूमि मांगीलाल गुर्जर के खातेदारी अधिकार में है। इस पर पुलिस ने समझाइश की। इसके बाद मांगीलाल गुर्जर ने दो बिस्वा जमीन व इसके पड़ौसी करण सिंह ने खेत से दो बिस्वा जमीन स्वैच्छा से श्मशान के लिए दे दी। इसके बाद लॉकडाउन की पालना करवाते हुये पुलिस ने श्मशान के लिए दी हुई जमीन पर शव का दाह-संस्कार करवा दिया। इसके बाद ही पुलिस ने राहत की सांस ली।
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