श्रमिकों को ले जाने वाली ट्रेन चली, अचानक रिवर्स जाने लगी, तो घबरा गए लोग

उदयपुर। देश में लॉकडाउन बढ़ने के साथ श्रमिकों को भी घर भेजने का काम शुरू हो गया है। लिहाजा उनके लिए स्पेशल ट्रेन चलाई जा रही है। लेकिन बुधवार को इसी से जुड़ा एक अचंभित कर देने वाला घटनाक्रम हुआ। दरअसल बिहार के लिये उदयपुर से चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन से श्रमिकों को हाजीपुर रेलवे स्टेशन के लिये रवाना किया गया था, जिसमें 1186 श्रमिक थे। इस दौरान अपने घर जाने को उत्सुक श्रमिकों के चेहरे पर मुस्कान और घर आने कीआतुरता नजर आ रही थी, लेकिन तय समय पर प्लेटफॉर्म से निकली ट्रेन अचानक से पुन: रिवर्स होकर प्लेटफॉर्म की ओर जाने लगी, तो श्रमिकों के बीच चिंता बढ़ गई।


कारण पता चलने के बाद आई सांस
ट्रेन के रिवर्स आने पर उसमें बैठे श्रमिकों के लिये यह चर्चा का विषय बन गया। लोग इसे लेकर परेशान होने लगे, लेकिन बाद में लोगों को इसका कारण पता चल गया। दरअसल इसके पीछे का कारण रेलवे स्टेशन पर नहीं पहुंचे श्रमिकों का इंतजार करना था। बताया जा रहा है कि इसमें तय समय तक रजिस्ट्रेशन किये गये सौ श्रमिक स्टेशन पर नहीं पहुंचे थे, ऐसे में रेलवे ने बिना उनका इंतजार किये ट्रेन को रवाना कर दिया था। इसके बाद सूचना मिलते ही पुन: ट्रेन को प्लेटफॉर्म पर लाया गया और फिर तीन बसों में आए श्रमिकों को रेलवे स्टेशन से दोबारा ट्रेन में बिठाने के बाद पुन: शाम 5.55 पर स्टेशन से रवाना कर दिया गया।

तालमेल में नजर आई कमी
मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार के मुकाबले बुधवार को श्रमिकों को घर भेजने के दौरान प्रशासन के तालमेल में कमी नजर आई । लिहाजा शयद यही वजह रही कि बसों को तय समय तक रेलवे स्टेशन तक नहीं पहुंचाया जा सका। चार बजे रवाना होने वाली ट्रेन करीब दो घंटे देरी से रवाना हो सकी। हालांकि बिहार के मुजफ्फरपुर के लिये पहली ट्रेन मंगलवार को रवाना हुई थी, उसमें प्रशासनिक तालमेल और तैयारियां आज के मुकाबले बेहतर नजर आई थी। जिला प्रशासन ने इन मजदुरों को लाने के लिये शहर के अलग-अलग क्षेत्र में बसों की व्यवस्था की थी, वहीं से उन्हें बस में बिठाकर स्टेशन लाया गया। इसके बाद उनकी मेडिकल स्क्रीनिंग की गई। बसों को एक-एक कर स्टेशन पर आने की स्वीकृती दी गई थी जिससे एक साथ रेलवे स्टेशन पर श्रमिकों की भीड जमा ना हो। श्रमिकों को कतारबद्ध कर उन्हें स्क्रीनिंग के बाद टिकट दिया गया। साथ ही यह भी बताया गया कि टिकट के एवज में श्रमिकों से रूपये भी नहीं लिये गये, क्योंकि सरकार सभी का यात्रा खर्च वहन कर रही है।


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