मातृकुण्डिया बांध का पानी मेजा बांध में पहुंचा
भीलवाड़ा। वस्त्रनगरी की जीवनरेखा मेजा बांध में चित्तौडग़ढ़ जिले का सबसे बड़ा मातृकुण्डिया बांध से शुक्रवार को पानी छोड़े जाने के बाद पानी की आवक शुरू हो गई है। जिले में मानसून की बारिश इस बार सामान्य स्तर की होने से मेजा बांध का जलस्तर आठ फीट से अधिक नहीं बढ़ सका। दूसरी तरफ मातृकुण्डिया बांध के पानी को छोड़े जाने के बाद भीलवाड़ा व चित्तौडग़ढ़ जिले के सरहद गांव में भी लोगों को अलर्ट कर दिया गया है।
मातृकुण्डिया बांध चित्तौडग़ढ़ जिले में होने के बावजूद जलसंसाधन विभाग खंड भीलवाड़ा द्वितीय के अधीन है। बांध क्षेत्र में बारिश होने से इस बार जलस्तर १९.५ फीट पहुंच गया। राज्य सरकार के नियमानुसार यहां हिन्दुस्तान जिंक के लिए २३० एमसीएफटी व ३३ एमसीएफटी जिले के नदी नालों के लिए आरक्षित है। इससे अधिक पानी बांध में आने की स्थिति में शेष पानी भीलवाड़ा जिले के मेजा बांध में छोड़े जाने का प्रावधान है। मेजा बांध तक पानी पहुंचाने के लिए भीलवाड़ा व चित्तौडग़ढ़ जिले से ५२ किमी लबंी फीडर नहर निकाली गई है।
नहीं चाहते वो भीलवाड़ा को मिलें पानी
बारिश अच्छी होने से मातृकुण्डिया बांध में भराव क्षमता ११८८ एमसीएफटी के मुकाबले ८८२ एमसीएफटी पानी आ चुका है, नियमानुसार यहां २६३ एमसीएफटी पानी आरक्षित किए जाने का प्रावधान होने से मांडल विधायक रामलाल जाट ने सरकार व जिला प्रशासन को बांध का पानी मेजा बांध के लिए छोड़े जाने का प्रस्ताव भेजा। हालांकि चित्तौडग़ढ़ जिले के बांध क्षेत्र के गांव हमेशा से ही मेजा बांध को पानी दिए जाने का विरोध करते आए है, इस बार भी विरोध के सुर उठे, लेकिन विधायक जाट व जिला प्रशासन के प्रयास रंग लाए और सरकार ने मेजा बांध में पानी छोडऩे की अनुमति दे दी।
अधिशासी अभियंता सीएल कोली ने बताया कि मातृकुण्डिया बांध के मेजाफीडर के गेट से शुक्रवार सुबह १० बजे विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी में मेजा बांध के लिए पानी छोड़ा गया। सोमवार रात को मेजा बांध में पानी की आवक शुरू हो गई।
अधीक्षण अभियंता सतपाल मीणा के निर्देश पर विभागीय टीम ने मातृकुण्डिया से मेजा बांध तक आ रही ५२ किमी लंबी नहर क्षेत्र को देखा। यहां अवरोधकों को हटाया गया, कई स्थानों पर मरम्मत की गई। उन्होंने बताया कि बांध का यह पानी राश्मी व पहुंना क्षेत्र से होता हुए भीलवाड़ा जिले में प्रवेश करता हुआ मेजा बांध तक पहुंचेगा।
मेजा का आसरा होगा मजबूत
जिले में चम्बल पेयजल परियोजना का पानी आने के बावजूद भीलवाड़ा शहर की प्यास मेजा बांध के सहारे टिकी हुई है। जलदाय विभाग अभी भी रोजाना बांध से ३० लाख लीटर पानी की आपूर्ति शहर के लिए कर रहा है, हालांकि वर्ष २०१८ में मेजा बांध से रोजाना ८० से ९० लाख लीटर पानी की आपूर्ति हो रही थी। मातृकुण्डिया बांध से पानी छोड़े जाने के बाद मेजा बांध में तीन से चार फीट पानी और बढऩे की उम्मीद है। वही समूचा पेटां क्षेत्र भी लबालब होगा। जिले में मेजा बांध में इस साल की बारिश से छह फीट पानी भी नहीं आया।
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