संघ ने आपदा को बदला अवसर में, कोरोना काल में बढ़ी शाखाएं

राष्ट्रीय सेवक संघ ने कोरोना की आपदा को अवसर में बदल दिया. कोरोना काल में संघ ने शाखाएं बढ़ाईं और संगठन का विस्तार करने में सफलता पाई . स्वयंसेवकों ने इस दौरान जरुरतमंदों को मदद भी की. पीड़ितों के दिलों में जगह बनाई. इस सेवा कार्य के बूते संघ को विस्तार में मदद मिली. इस प्रक्रिया में संघ की पहुंच उन स्थानों पर भी हुई जहां कोई शाखा नहीं था.संघ के ब्रज, मेरठ, उत्तराखंड, काशी, अवध और गोरखपुर क्षेत्र में बड़ी वृद्धि बताई जा रही है. संघ सूत्रों के मुताबिक सेवा भारती के माध्यम से ही 1000 से ज्यादा कैंप प्रदेश भर में लगाए गए. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर, मुरादाबाद, बरेली, आगरा, अलीगढ़ में संघ ने लॉकडाउन के दौरान फंसे मजदूर और अन्य लोगों को घरों तक पहुंचाया. बुंदेलखंड में भी इस अभियान से विस्तार मिला. युवकों ने स्वयंसेवकों के साथ मिलकर सहायता कैंप लगाए. अब वे शाखाएं लगा रहे हैं.


कानपुर प्रांत में 15000 शाखाएं


संघ में संगठन के लिहाज से कानपुर प्रांत को काफी मजबूत माना जाता है. 22 जिलों वाले इस प्रांत में 15000 शाखाएं लग रही हैं. इनमें 3000 से ज्यादा शाखाएं तो नियमित चलती हैं. अगर कोरोना काल से पहले की बात की जाए तो शाखाओं की संख्या 12000 के करीब थी. जबकि नियमित शाखाओं की संख्या भी 2100 के लगभग थी.


ब्रज में 10 हजार शाखाएं


अगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात करें तो संघ के तीन प्रांत हैं जिनमें मेरठ, ब्रज और उत्तराखंड आता है. इन तीनों प्रांतों में स्वयंसेवकों की संख्या सर्वाधिक बढ़ी है. ब्रज में ही नए स्वयंसेवकों की संख्या 10 हजार से ज्यादा बताई जा रही है जबकि मेरठ और उत्तराखंड में भी 15 से 20 हजार नए स्वयंसेवक बढ़े हैं.


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