करौली में हुए उपद्रव के बाद पूरे राजस्थान में डीजे बजाने पर रोक

 

जयपुर। 

राजस्थान के करौली में नव संवत्सर (2अप्रैल) को हुए उपद्रव के बाद पूरे राज्य में डीजे बजाने पर रोक लगा दी गई है। राज्य सरकार के गृह विभाग के निर्देश के बाद इस बारे में जिला पुलिस अधीक्षकों ने आदेश जारी किए हैं। जयपुर पुलिस आयुक्त आनंद श्रीवास्तव ने आदेश जारी कर शहर में किसी भी तरह की रैली, जुलूस और शादियों में डीजे बजाने पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है। भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

जयपुर पुलिस आयुक्त ने वाहनों में तेज संगीत बजाने पर भी रोक लगाई है। उल्लेखनीय है कि जयपुर सहित राज्य के एक दर्जन जिला कलेक्टरों ने अपने जिलों में धारा 144 लागू कर रखी है। इसके तहत एक स्थान पर पांच या इससे अधिक लोग एकत्रित नहीं हो सकेंगे। 

मालूम हो कि अब सार्वजनिक कार्यक्रमों, धार्मिक रैलियों, जुलूसों में डीजे बजाने से पहले पुलिस और प्रशासन की अनुमति लेनी होगी। करौली हिंसा के बाद राजस्थान सरकार ने सार्वजनिक समारोह से लेकर रैली, जुलूस और धार्मिक कार्यक्रमों में डीजे बजाने पर कई तरह की पाबंदियां लगा दी हैं। गाइडलाइन के मुताबिक, डीजे पर कौन सा गाना बजेगा, यह भी लिखकर देना होगा। गृह विभाग ने इसे लेकर नई गाइडलाइन जारी की है।

जानकारी हो कि सार्वजनिक कार्यक्रमों में डीजे के इस्तेमाल से पहले आयोजक को शपथ पत्र देना होगा। जुलूस, धार्मिक यात्रा जैसे आयोजनों के लिए एसडीएम, एडीएम को अनुमति के लिए आवेदन देना होगा। इन कार्यक्रमों के आयोजन से पहले भी प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा थाने से इसका वेरिफिकेशन कराया जाएगा।

गृह विभाग की गाइडलाइन के अनुसार अब सभी सार्वजनिक आयोजन में डीजे का इस्तेमाल किए जाने से पहले शपथ पत्र देकर बताना होगा कि आयोजन धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक होगा या फिर कोई शोभायात्रा या प्रदर्शन होगा। यह भी बताना होगा कि आयोजन किस तारीख को किया जाएगा और इसमें कितने व्यक्ति शामिल होंगे। इसके अलावा आयोजन में डीजे बजाया जाएगा तो संबंधित डीजे मालिक का नाम-पता, रजिस्ट्रेशन नंबर, वाहन नंबर, कौन सा गाना बजेगा आदि का ब्योरा भी देना होगा। अगर रैली या जुलूस है तो किस रूट से गुजरेगा, परंपरागत रूप से क्या वही रूट इस्तेमाल किया जाता है या उसमें कोई बदलाव किया गया है, यह सब जानकारी भी देनी होगी।

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