बारातियों से भरी बस हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से मच गया हड़कंप

 

मंडला/निवास.

बारातियों से भरी बस हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से हड़कंप मच गया था, ये तो अच्छा हुआ कि थोड़ी सुझबूझ से बारातियों की जान बच गई, अन्यथा बड़ा हादसा हो जाता, अचानक करंट की चपेट में आते देख चालक ने तुरंत बारातियों को कूदने के लिए कहा, ऐसे में आनन फानन में लोगों ने बस से कूद-कूद कर अपनी जान बचाई, आपको बतादें ऐसा ही हादसा करीब १२ साल पहले हुआ था, तब करीब 28 लोगों की जानें गई थीं।

 

 मई 2010 में जिले में एक बड़ी बस दुर्घटना हुई थी हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से 28 लोगों की मौत हो गई थी। 12 साल बाद मनेरी में इसी तरह की घटना बस चालक की सूझ बुझ से टल गई है। रस्म पूरी होने के बाद सुबह बारातियों को विदाई दी गई। बस में लगभग 30 बाराती व उपहार में मिला समान लेकर वापस गांव के लिए लौट गए। उपहार का समान पेटी व अन्य सामग्री बस के उपर रख दी गई। रास्ते में लटक रही हाई टेंशन तार बस में टच होने लगी तो भूरा ऊर्फ विश्वनाथ पिता सुकल सिंह (20) निवासी ग्राम मड़ई नीचे उतरा और लकड़ी के सहारे लाइन को दूर करने लगा। इसी दौरान बस से लाइन टच हो गई। भूरा को झटका लगा और वह हिलने लगा। उसी दौरान बस में बैठे रामनाथ वरकड़े पिता हीरा मन (55) निवासी खेरानी ने उसे बचाने की कोशिश की उसे पकडऩे के लिए हाथ बढ़ाया और उसे बस के ऊपर लाने लगा तभी वह भी चपेट में आ गया। दोनो नीचे गिर गए और बेहोश हो गए। तभी चालक ने अपनी सूझबूझ से जल्दी से बस को आगे बढ़ा लिया और बाकी बाराती को बस से कूदने जल्दी उतरने को कहा फिर सभी बाराती जल्दी जल्दी उतर गए। लेकिन दोनो व्यक्ति करंट से झुलस गए थे।

 तत्काल घटना की जानकारी मनेरी पुलिस चौकी को दी गई। जानकारी मिलते ही मनेरी चौकी प्रभारी पंकज विश्वकर्मा अपने स्टाफ के साथ पहुंचे और घायलों को मनेरी स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया। मनेरी के चिकित्सकों ने भूरा ऊर्फ विश्वनाथ को मृत घोषित कर दिया। जबकि रामनाथ वरकड़े की गंभीर स्थिति को देखते हुए जबलपुर मेडिकल रेफर कर दिया गया है।

चालक की चतुराई ने बचाई जान
बताया गया की बस में लगभग 30 बाराती महिला पुरुष बच्चे सहित सवार थे। जैसे ही भूरा को बचाने के लिए रामनाथ वरकड़े ने हाथ बढ़ाया तो बस में भी करंट दौड़ गया। जिसके कारण रामनाथ भी बस से नीचे गिर गया। बस चालक नंदकिशोर ने कूद कर स्वयं को बचाने से बेहतर बस को तत्काल आगे बढ़ा लिया। जिससे बस लाइन से काफी दूर आ गई। बाकी बाराती सुरक्षित बच गए। नहीं तो एक बड़ा हादसा हो सकता था।

मंडला/निवास.

बारातियों से भरी बस हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से हड़कंप मच गया था, ये तो अच्छा हुआ कि थोड़ी सुझबूझ से बारातियों की जान बच गई, अन्यथा बड़ा हादसा हो जाता, अचानक करंट की चपेट में आते देख चालक ने तुरंत बारातियों को कूदने के लिए कहा, ऐसे में आनन फानन में लोगों ने बस से कूद-कूद कर अपनी जान बचाई, आपको बतादें ऐसा ही हादसा करीब १२ साल पहले हुआ था, तब करीब 28 लोगों की जानें गई थीं।

 

 मई 2010 में जिले में एक बड़ी बस दुर्घटना हुई थी हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से 28 लोगों की मौत हो गई थी। 12 साल बाद मनेरी में इसी तरह की घटना बस चालक की सूझ बुझ से टल गई है। रस्म पूरी होने के बाद सुबह बारातियों को विदाई दी गई। बस में लगभग 30 बाराती व उपहार में मिला समान लेकर वापस गांव के लिए लौट गए। उपहार का समान पेटी व अन्य सामग्री बस के उपर रख दी गई। रास्ते में लटक रही हाई टेंशन तार बस में टच होने लगी तो भूरा ऊर्फ विश्वनाथ पिता सुकल सिंह (20) निवासी ग्राम मड़ई नीचे उतरा और लकड़ी के सहारे लाइन को दूर करने लगा। इसी दौरान बस से लाइन टच हो गई। भूरा को झटका लगा और वह हिलने लगा। उसी दौरान बस में बैठे रामनाथ वरकड़े पिता हीरा मन (55) निवासी खेरानी ने उसे बचाने की कोशिश की उसे पकडऩे के लिए हाथ बढ़ाया और उसे बस के ऊपर लाने लगा तभी वह भी चपेट में आ गया। दोनो नीचे गिर गए और बेहोश हो गए। तभी चालक ने अपनी सूझबूझ से जल्दी से बस को आगे बढ़ा लिया और बाकी बाराती को बस से कूदने जल्दी उतरने को कहा फिर सभी बाराती जल्दी जल्दी उतर गए। लेकिन दोनो व्यक्ति करंट से झुलस गए थे।

 तत्काल घटना की जानकारी मनेरी पुलिस चौकी को दी गई। जानकारी मिलते ही मनेरी चौकी प्रभारी पंकज विश्वकर्मा अपने स्टाफ के साथ पहुंचे और घायलों को मनेरी स्वास्थ्य केंद्र पर भर्ती कराया। मनेरी के चिकित्सकों ने भूरा ऊर्फ विश्वनाथ को मृत घोषित कर दिया। जबकि रामनाथ वरकड़े की गंभीर स्थिति को देखते हुए जबलपुर मेडिकल रेफर कर दिया गया है।

चालक की चतुराई ने बचाई जान
बताया गया की बस में लगभग 30 बाराती महिला पुरुष बच्चे सहित सवार थे। जैसे ही भूरा को बचाने के लिए रामनाथ वरकड़े ने हाथ बढ़ाया तो बस में भी करंट दौड़ गया। जिसके कारण रामनाथ भी बस से नीचे गिर गया। बस चालक नंदकिशोर ने कूद कर स्वयं को बचाने से बेहतर बस को तत्काल आगे बढ़ा लिया। जिससे बस लाइन से काफी दूर आ गई। बाकी बाराती सुरक्षित बच गए। नहीं तो एक बड़ा हादसा हो सकता था।

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