मुख्यमंत्री सहायता कोष के तहत यूआईटी ने बनवाए मकान, लाइट-पानी नहीं होने से रहने लायक नहीं

 


भीलवाड़ा हलचल न्यूज.
मुख्यमंत्री सहायता कोष के तहत मध्यम व गरीब वर्ग के लिए यूआईटी ने हरणी खुर्द योजना के नाम से रिहायशी मकान तो बना दिए लेकिन मकानों में लाइट व पानी का कनेक्शन नहीं होने से ये रहने लायक नहीं हैं। पांच साल पहले यानि 2017 में यूआईटी ने ग्राहकों से ढाई-ढाई लाख रुपए तो जमा कर लिए लेकिन मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराने से ये मकान वीरान पड़े हैं।
इस योजना में मकान खरीदने वाले नरेंद्र बैरागी ने भीलवाड़ा हलचल से बात करते हुए बताया कि उन्होंने वर्ष 2017 में ढाई लाख रुपए जमा करवाए थे। यूआईटी ने उन्हें मकान अलॉट भी कर दिया लेकिन मूलभूत सुविधाएं नहीं होने से वे वहां शिफ्ट नहीं हो पा रहे हैं। जिम्मेदारों का कई बार ध्यान दिलाया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में खुद का मकान होते हुए भी नरेंद्र व उनका परिवार किराये के मकान में रहने को मजबूर है। यह समस्या अकेले नरेंद्र की नहीं है, यहां कई ऐसे परिवार मकान ले चुके हैं लेकिन दूसरी जगह रहना उनकी मजबूरी बना हुआ है। नरेंद्र ने बताया कि मुख्यमंत्री सहायता कोष के तहत बनाए गए मकान बनने के दो महीने बाद भी रहने लायक नहीं हैं। उन्होंने बताया कि एक ओर तो सरकार लोगों को राहत देने की बात करती है वहीं दूसरी ओर सरकारी विभाग ही सरकार की छवि बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। कई बार मांग करने के बाद अब तक भी यहां बिजली-पानी के कनेक्शन नहीं किए जा रहे हैं।  
 

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