राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय आचार्य धर्मेंद्र का निधन, जयपुर में ली अंतिम सांस

 

हिंदू नेता आचार्य स्वामी धर्मेंद्र ने सोमवार को जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली। उनका एसएमएस के आईसीयू में इलाज चल रहा था। पिछले करीब एक महीने पहले उन्हें एसएमएस हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। वे आंत की बीमारी से ग्रसित थे।आचार्य धर्मेन्द्र के निधन पर देशभर के हिंदू संगठन से जुड़े लोगों ने दुख जताया है। आचार्य ने श्रीराम मंदिर आंदोलन में सक्रिय रहकर अपना अहम योगदान दिया था। वे विश्व हिंदू परिषद से लम्बे समय तक जुड़े थे, इस दौरान वे काफी चर्चा में रहे थे। कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली थी। पिछले सप्ताह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी उनसे मिलने एसएमएस अस्पताल पहुंचे थे।आचार्य स्वामी धर्मेंद्र के दो बेटे सोमेन्द्र शर्मा और प्रणवेन्द्र शर्मा हैं। सोमेन्द्र की पत्नी और आचार्य की पुत्रवधू अर्चना शर्मा वर्तमान में गहलोत सरकार में समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष हैं। आचार्य राम मंदिर मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखते थे। बाबरी विध्वंस मामले में उन्होंने बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि मैं आरोपी नंबर वन हूं। सजा से डरना क्या? जो किया सबके सामने चौड़े में किया।

हिन्दू संगठनों ने निधन पर जताया दुख

आचार्य धर्मेन्द्र के निधन पर देशभर में हिंदू संगठन से जुड़े लोगों ने दुख जताया है। आचार्य धर्मेंद्र के परिवार में दो पुत्र सोमेन्द्र शर्मा और प्रणवेन्द्र शर्मा है। आचार्य का जन्म 9 जनवरी 1942 को गुजरात के मालवाडा में हुआ। बाबरी विध्वंस मामले में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह, उमा भारती सहित आचार्य धर्मेंद्र को भी आरोपी माना गया था।

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