भीलवाड़ा में अब दवा की दुकानों की जांच इंस्पेक्टर मर्जी से नहीं कर सकेंगे सॉफ्टवेयर का मानना होगा आदेश

 

भीलवाड़ा/ अब दवा दुकानों की जांच इंस्पेक्टर मनमर्जी से नहीं कर सकेंगे अब तक जांच के लिए अधिकारी ने मनमर्जी चलती थी लेकिन अब सॉफ्टवेयर की शिक्षा से दुकानों की जांच होगी और उनके नाम तय किए जाएंगे

दवा विक्रय की दुकानों पर अब चैकिंग के लिए किसी अफसर के आदेश की बजाय न सॉफ्टेवयर की ओर से जारी की गई सूची के अनुरूप ही संबंधित दुकानों की जांच की जाएगी। अब तक औषधि नियंत्रण अधिकारी अपनी मनमर्जी से किसी भी दुकान का निरीक्षण करते थे लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। पूरे प्रदेश में राज्य के औषधि नियंत्रण विभाग ने ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है, जिससे हर सप्ताह पांच दुकानों के नाम जनरेट होंगे, जिनका औषधि नियंत्रण अधिकारी निरीक्षण कर सकेंगे। हर सप्ताह पांच दुकानों के निरीक्षण का टारगेट मिलेगा।प्रदेश के श्रीगंगानगर- हनुमानगढ़ और अजमेर जिले में रेंडमाइज इंस्पेक्शन सिस्टम के सफल होने पर इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया है। राजस्थान पहला प्रदेश है, जहां इसे लागू किया है।खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण विभाग ने श्रीगंगानगर सहित तीनों जिलों में पिछले महीने अगस्त में रेंडमाइज इंस्पेक्शन सिस्टम का ट्रायल किया था, यह ट्रायल सफल रहने पर अब विभाग ने गुरुवार यानि एक सितम्बर से पूरे प्रदेश के लिए लागू कर दिया है। इसमें जयपुर में िस्थत खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण विभाग से स्थापित किए गए रेंडमाइज इंस्पेक्शन सिस्टम में भीलवाड़ा जिले सहित सभी जिलों के रिटेल और होलसेल दवा विक्रेताओं की सूची अपलोड की गई है।

इस सिस्टम से हर सप्ताह पांच दुकानों के नाम जिला मुख्यालय पर औषधि नियंत्रण विभाग के निरीक्षकों के मोबाइल पर आएगी। इस सूची के अनुरुप ही संबंधित दुकानों की जांच की जाएगी। 

औषधि नियंत्रण विभाग का मानना है कि इस नए सॉफ्टेवयर से पूरे जिले के दवा दुकानों की सूची अपडेट रहेगी। कई बार कई दुकानों की जांच जानबूझकर नहीं की जाती या लंबे समय तक जांच करने नहीं जाते लेकिन इस नए सिस्टम में हर दुकान को जांच के दायरे में लिया गया है। नए लाइसेंसधारक भी जांच की जाएगी। वहीं दवा विक्रेताओं को भी व्यक्तिगत शिकायत के आधार पर स्थानीय अधिकारियों की ओर से तंग करने से छुटकारा मिल जाएगा। हालांकि किसी दवा दुकान की शिकायत है या अनियमितता कर रहा है तो उच्च अधिकारियों की लिखित अनुमति पर ही इस सिस्टम से हटकर निरीक्षण किया जा सकेगा।

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