लॉकडाउन:बेरोजगारी व भूख से परेशान श्रमिक परिवारों सहित सड़क पर उतरे, घर वापसी की मांग

भीलवाड़ा (हलचल)। कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के 50 दिन पूरे हो चुके हैं। जीवन बचाने के लिए लगाया गया लॉकडाउन अब लोगों के लिए परेशानी का सबब बनने लगा है। भीलवाड़ा में बड़ी तादाद में अन्य राज्यों से आए श्रमिक फैक्ट्रियों में मजदूरी व अन्य कार्य करते हैं। उद्योग व व्यवसाय बंद पड़े हैं जिससे लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है और वे आर्थिक तंगी के अभाव में परेशान हो रहे हैं। ऐसे में आज ये सभी श्रमिक परिवारों सहित रविवार सुबह पांसल चौराहे के पास बाबा कलेक्शन के पास सड़क पर जमा हो गए और गांव भेजने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे। धारा 144 लागू होने के बावजूद सैंकड़ों श्रमिकों के जमा होने व सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं होने पर भी पुलिस मूक दर्शक बनकर खड़ी रही। सूचना मिलने पर प्रताप नगर थानाधिकारी भजनलाल मौके पर पहुंचे और बड़ी तादाद में लोगों के जमा होने की प्रशासन को सूचना दी जिस पर एसडीएम टीना डाबी मौके पर पहुंची और श्रमिकों की समस्याएं सुनकर उन्हें आश्वासन दिया। इसके बाद लोग घरों की ओर लौट गए। एक श्रमिक नेता ने तो यहां तक कह दिया कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होती है तो आंदोलन किया जाएगा।
कई श्रमिकों ने बताया कि वे लंबे समय से यहां परिवार के साथ रह रहे हैं। लॉकडाउन के बाद से वे घर पर ही हैं। ऐसे में आमदनी नहीं हो रही है। फैक्ट्री मालिक उनहें वेतन नहीं दे रहे हैं। अब तक तो जैसे-तैसे जमा पूंजी से खर्च चला लिया लेकिन अब पैसे खत्म होने से उनके सामने समस्या विकट हो गई है। मकान मालिक उन पर किराया देने का दबाव बना रहे हैं जबकि रोजगार नहीं होने से उनके पास खाने तक के पैसे नहीं है। ऐसे में वे कैसे तो स्वयं व परिवार का पेट पालें और कहां से मकान मालिक को किराया दें। प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं मिल रही जिससे उनके सामने खाने के लाले पड़ गए हैं। ऐसे में उन्होंने घर जाने के लिए प्रशासन से पास बनाने की मांग भी की लेकिन उन्हें न तो पास दिए जा रहे हैं और न ही जाने की इजाजत। प्रशासन अनुमति दे दे तो वे लोग पैदल ही चले जाएंगे। एक महिला तो घर में राशन नहीं होने की बात को लेकर एसडीएम के सामने ही रो पड़ी। इस पर एसडीएम ने उसे ढांढस बंधाते हुए एक घंटे में राशन पहुंचाने का आश्वासन दिया।
पूर्वांचल जनचेतना ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. अशोक सिंह ने बताया कि भीलवाड़ा में बाहरी राज्यों उत्तरप्रदेश, बिहार, उड़ीसा, बंगाल आदि के लोग श्रमिक के रूप में काम करते हैं। लॉकडाउन के बाद से उन्हें वेतन नहीं मिला है। फैक्ट्री मालिक कहते हैं कि सभी श्रमिकों को मार्च का वेतन दे दिया गया है लेकिन अधिकतर श्रमिकों को मार्च का वेतन भी नहीं मिला है। श्रमिकों की मांग है कि उन्हें मार्च व अप्रैल का वेतन दिया जाए। भोजन की व्यवस्था की जाए। इसके अलाव उनका तीन महीने का मकान किराया, बिजली-पानी के बिल व बच्चों की स्कूल फीस माफ की जाए। निशुल्क राशन दिया जाए। जिनके राशनकार्ड नहीं हैं, उन्हें भी निशुल्क राशन का वितरण किया जाए। अगर प्रशासन इतना भी नहीं कर सकता तो उनके गांव जाने की व्यवस्था करवाई जाए।
बिहार निवासी व अभी आजाद नगर के सी सेक्टर में रहने वाले एक मजदूर की पत्नी रमावती देवी ने कहा कि मकान मालिक किराया देने का दबाव बना रहा है। घर में बच्चे हैं। रोजगार नहीं है। पैसे खत्म हो गए हैं। किराया कहां से दें और क्या खाएं। राशन वाले कहते हैं कि सी सेक्टर के लोगों को राशन नहीं मिलेगा। वार्ड पार्षद भी सुनवाई नहीं करता। फैक्ट्री मालिक भी वेतन नहीं दे रहा है जिससे परेशानी ज्यादा हो रही है।
श्रमिक संदीप कुमार शर्मा ने बताया कि मेडिकल कराने अस्पताल गए तो कहा गया कि यूपी बिहार के लोगों का चेकअप नहीं होगा। बाद में फॉर्म भरवाया। फॉर्म भरकर देने के 15 दिन बाद भी कोई जवाब नहीं आया है। संदीप ने कहा कि भीलवाड़ा के लोगों को बाहरी राज्यों से लेकर गाडिय़ां आ रही है तो यूपी बिहार के लोगों को क्यों नहीं भेजा जा रहा है। मध्यप्रदेश निवासी श्रमिक ने बताया कि अन्य राज्यों की तरह भीलवाड़ा में श्रमिकों ने कानून व्यवस्था का उल्लंघन नहीं किया गया है। फैक्ट्री के श्रमिकों को 20 मार्च तक का वेतन दिया गया। उसके बाद कोई वेतन नहीं दिया गया। इससे श्रमिकों के सामने खाने तक की समस्या खड़ी हो गई है।
एसडीएम टीना डाबी ने कहा कि श्रमिकों ने प्रदर्शन किया है और घर भेजने की मांग की है। श्रमिकों को वेतन नहीं मिलने की बात पर एसडीएम ने कहा कि फैक्ट्री मालिकों से बात चल रही है और वेतन संबंधी समस्या का कोई न कोई समाधान निकाला जाएगा। कुछ लोगों ने मकान मालिकों पर किराया देने का दबाव बनाने की शिकायत की है तो ऐसे मकान मालिकों से समझाइश की जाएगाञ कुछ लोगों ने राशन नहीं होने की बात भी कही जिस पर उनके नाम पते नोट किए गए है और थोड़ी देर में उनको राशन उपलब्ध करवा दिया जाएगा। गांव भेजने की जहां तक बात है, तो ग्रुप वाइज नाम नोट किए जा रहे हैं जिससे आगे से निर्देश मिलने के बाद इन्हें भेजने की कार्यवाही की जाएगी। हालांकि एसडीएम ने मौके पर सोयाल डिस्टेंसिंग होने की बात कही लेकिन वहां जमा भीड़ को देखकर कहीं भी सोशल डिस्टेंङ्क्षसंग की पालना होते नहीं दिखी।      


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