नेगेटिव बताकर पहले भेजा घर, अब पॉजीटिव आने पर किया आइसोलेट

भीलवाड़ा (हलचल)। कोरोना संक्रमण को लेकर चिकित्सा विभाग की गंभीर लापरवाही सामने आई है। मुंबई से अपने गांव चितांबा के बागजणा निवासी की पहले रिपोर्ट नेगेटिव बताते हुए उसे परी रिसोर्ट से घर भेज दिया गया। फिर दुबारा रिपोर्ट में पॉजीटिव आने पर चिकित्सा विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर उसे महात्मा गांधी चिकित्सालय में भर्ती कराया। भगवान का शुक्र रहा कि इन दो दिनों में वह युवक किसी के संपर्क में नहीं आया अन्यथा कुछ भी हो सकता था। चिकित्सा विभाग के अधिकारी अब इस मामले को लेकर एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहा है। इस युवक से पहले शनिवार को 7 प्रवासी पॉजीटिव मिले। इनमें एक छात्र, चालक, डेयरी कर्मचारी शामिल थे। इनके साथ ही कोरोना पॉजीटिव की संख्या बढ़कर 51 हो गई है। इनमें से 2 बुजुर्ग रोगियों की मौत हो चुकी है जबकि 34 जनों को घर भेज दिया गया है।
चिकित्सा विभाग के अनुसार चितांबा पंचायत के बागजणा निवासी 32 साल का युवक मुम्बई के जोगेश्वरी क्षेत्र के बैरमबाद में चार सेठों के यहां खाना बनाने का कार्य करता था। वह 12 मई को ही मुंबई से अपने गांव आया था। 13 मई को उसे कोरोना जांच के लिए सैंपल लेकर करेड़ा के परी रिसोर्ट में क्वारंटाइन किया गया था। 15 मई को शाम करीब 6 बजे मांडल ब्लॉक चिकित्सा विभाग से एक रिपोर्ट परी रिसोर्ट में नर्सिंग स्टॉफ  के मोबाइल पर एक मैसेज भेजा उसमें युवक को कोरोना नेगेटिव बताया गया। ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी प्रभाकर अताड़े ने बताया कि रिपोर्ट नेगेटिव आने पर युवक को 15 मई की शाम को 14 दिन के लिए होम क्वारंटाइन के लिए भेज दिया गया। उधर, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजन नंदा ने इस युवक के सैंपल को रिपीट टेस्ट के आदेश दिए। इसकी रिपोर्ट 17 मई को पॉजीटिव आने पर चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया।
सूचना मिलने पर भीलवाड़ा की आरआरटी टीम व डिप्टी सीएमएचओ डॉ. घनश्याम चावला मय टीम के मौके पर पहुंचे तथा युवक से जानकारी लेने के बाद युवक तथा उसके संपर्क में आए आठ जनों को भीलवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय भिजवाया। युवक को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। करेड़ा थाना प्रभारी जगदीशप्रसाद चौधरी ने बताया कि संक्रमित घर के आसपास के इलाके को सील किया गया है।


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