अमित शाह का भतीजा बनकर बीजेपी MLA को लगाने जा रहा था चूना, पकड़ा गया तो सुनाई फिल्मी कहानी


आगरा
आगरा में एक ठग ने खुद को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का भतीजा बताकर बीजेपी विधायक को जाल में फंसाने की कोशिश की। होटल खरीदने के बहाने इस शख्स ने विधायक से संपर्क किया। बीजेपी विधायक योगेंद्र उपाध्याय ने जब इंटरनेट पर जानकारी की तो आरोपी यश अमीन का कच्चा चिट्ठा खुल गया। इसके बाद आरोपी शख्स उन्हें फिल्मी स्टाइल में जुड़वां भाई की कहानी सुनाने लगा। विधायक ने आरोपी को थाना नाई की मंडी पुलिस के हवाले कर दिया। विधायक की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

होटल खरीदने का दिया झांसा
आगरा दक्षिणी विधानसभा से दूसरी बार विधायक बने योगेंद्र उपाध्याय के पास कुछ दिन पहले एक फोन आया। ट्रू कॉलर ऐप पर ये नंबर विराज शाह नाम दिखा रहा था। बातचीत में दूसरी तरफ से भी खुद का नाम विराज शाह बताते हुए इस शख्स ने खुद को गृह मंत्री अमित शाह का भतीजा बताया। उसने आगरा में बड़े होटल्स के बिकने की बात कहकर होटल मालिकों से बातचीत करवाने को कहा।

इसके बाद उसने पांच बार फोन पर विधायक से बातचीत की। अंतिम कॉल पर विधायक ने खुद के शादी में जाने की बात कही। घर पर बेटे अलौकिक उपाध्याय से उसने मिलने की बात कही। इसके बाद जालसाज ने अलौकिक से मुलाकात की। बातचीत के दौरान एक बड़े शोरूम में जाकर उसने 40 हजार के कपड़े खरीद लिए और बिल विधायक के बेटे से देने को कहा।

उज्जैन के एमएलए से भी कर चुका था ठगी
खुद को गृह मंत्री का भतीजा और करोड़ों के होटल खरीदने की बात कहने वाले व्यक्ति के इतनी छोटी रकम की मांग करने पर अलौकिक को शक हुआ। उसने तत्काल नेट पर विराज शाह का नाम सर्च किया तो 2016 में उज्जैन के एक विधायक से इसी तरह 65 हजार की ठगी की जानकारी पता चली। इसके बाद अलौकिक ने पिता को जानकारी दी। विधायक ने आरोपी को थाना नाई की मंडी पुलिस के हवाले कर दिया।



पकड़े जाने पर सुनाई फिल्मी कहानी
आरोपी ने पुलिस को अपना नाम यश अमीन बताया है। जब विधायक ने उज्जैन में की गई जालसाजी पर सवाल पूछा तो उसने पहले ठगी करने वाले को अपना जुड़वां भाई बताते हुए फिल्मी कहानी सुनाई। पुलिस के सामने उसके सारे झूठ बेनकाब हो गए।

ट्रू कॉलर ऐप का उठाते हैं फायदा
साइबर एक्सपर्ट कहते हैं कि ज्यादातर अफसर और नेता आजकल अपने फोन पर ट्रू कॉलर ऐप का इस्तेमाल करते हैं। साइबर ठग नया सिम लेकर उसे पहले ही किसी अन्य मोबाइल पर रसूखदार नाम से गूगल कॉन्टैक्ट पर सेव कर लेते हैं। इसके बाद ठगी की वारदात को अंजाम दिया जाता है। इसे केवल जानकारी का साधन मानना चाहिए। ट्रू कॉलर ऐप पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए।



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