दिल्ली में जुट रहे हैं पंजाब, हरियाणा और यूपी के किसान, जानिये क्या है आगे की रणनीति ?

 

दिल्ली ।तीन नये कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा है. दिल्ली के सिंघु और टिकरी सीमा पर किसान पहले से ही डटे हुए है अब यूपी सीमा पर भी हजारों की संख्या में किसानों का जुटान हो रहा है. यहां जमा हो रहे किसानों का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत कर रहे हैं. गौरतलब है कि देश के कई हिस्सों से हजारों की संख्या में किसान दिल्ली में डेरा जमाये हुए हैं. उम्मीद की जा रही है कि यहीं पर किसान आगे कि रणनीति पर विचार करेंगे.


इधर, केंद्रीय गृह मंत्री ने आंदोलनकारी किसानों से तीन दिसंबर से पहले वार्ता का संकेत दिया है, मगर इसके लिए किसानों से सड़क खाली करने की अपील की है, मगर किसान अड़े हुए हैं. दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर किसानों ने शनिवार को मीटिंग की. मीटिंग के बाद भारतीय किसान संघ ने कहा कि हम यहां से कहीं नहीं जायेंगे और अपना विरोध प्रदर्शन यहीं (हाइवे पर) करेंगे. आंदोलन के तीसरे दिन किसानों ने कहा कि अगर उनकी बात नहीं मानी गयी, तो वे दिल्ली का मेन हाइवे जाम कर देंगे.गौरतलब है कि कृषि कानूनों के विरोध में भारतीय किसान संघ के बैनर तले किसान आंदोलन पर हैं. भारतीय किसान संघ के नेता राकेश टिकैत ने बताया कि सलाह-मशविरा करने के बाद वे यहां से आगे बढ़ेंगे. किसानों के एलान से दिल्ली पुलिस के अधिकारी चौकस हो गये हैं.


फल-सब्जी व दूध की सप्लाई बाधित, कई राज्यों से कटा संपर्क : आंदोलन के कारण करीब तीन हजार ट्रक जाम में फंस गये हैं. दिल्ली समेत कई राज्यों में फल, सब्जी, दूध व अन्य जरूरी सामान की सप्लाई बाधित हो गयी है. कश्मीर, हिमाचल व पंजाब से फलों व सब्जियां लेकर आने वाले ट्रक हाइवे पर आगे नहीं बढ़ सके. यूपी व उत्तराखंड से अन्य राज्यों का संपर्क टूट गया है.


किसानों के तीन दिनों से जारी प्रदर्शन पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किसानों से अपील की कि वे अपना विरोध प्रदर्शन करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के बुराड़ी मैदान में चले जायें. साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों के निर्धारित स्थल पर जाते ही केंद्र सरकार उनके साथ वार्ता करने के लिए तैयार है.


गृह मंत्रालय के आधिकारिक व्हाट्सऐप ग्रुप पर शाह की अपील को पोस्ट किया गया है. शाह ने कहा कि किसानों को भारी ठंड के कारण काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. कुछ किसान यूनियनों ने मांग की है कि वार्ता तीन दिसंबर के बजाय तुरंत आयोजित की जाये. इसलिए, मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं कि जैसे ही आप बुराड़ी पहुंचेंगे, केंद्र आपके साथ चर्चा के लिए तैयार है.



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