कोरोना का कहर- प्रदेशों में फंसे भीलवाड़ा के लोग, रास्तों में अटके, रो-रोकर बुरा हाल, लगाई मदद की गुहार
भीलवाड़ा हलचल। कोरोना वायरस के कहर के चलते लॉक डाउन के बाद प्रवासी मजदूरों का पलायन पिछले तीन दिनों से जारी है। ऐसे लोग अपने ठिकाने छोड़कर अपने गांवों के लिए निकल पड़े हैं, लेकिन पुलिस की सख्ती से ये लोग बीच में फंस चुके हैं। इनके पास अब न रहने का ठिकाना है और न खाने-पीने की वस्तुयें। ऐसे में इनके सामने भारी संकट आ खड़ा हुआ है। भीलवाड़ा जिले की मांडल तहसील के 8 ऐसे ही लोग कर्नाटक के कर्नाटक के हासपेट इलाके के बलारी में फंसे हैं और राजस्थान सरकारी व भीलवाड़ा प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं। इन लोगों का रो-रोकर बुरा हाल है।
जानकारी के अनुसार, देशभर में कोराना संक्रमण का कहर फैल रहा है। इसे रोकने के लिए पिछले दिनों देशभर में लॉक डाउन कर दिया गया। इसके चलते मजदूर व गरीब तबके के लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट आ खड़ा हो गया। इतना ही नहीं ऐसे लोगों को अपने घर परिवार की चिंता भी सताने लगी है। ऐसे हालात में ये बेबस लोग अपने ठिकाने छोड़कर साधन नहीं मिलने के कारण पैदल ही अपने घरों की ओर निकल पड़े हैं, लेकिन पुलिस ने ऐसे लोगों को बीच में ही रोक लिया और अब आगे नहीं बढऩे दे रही है। इन लोगों में भीलवाड़ा जिले की मांडल तहसील के विभिन्न गांवों के नारायण बैरवा, सुवालाल लुहार, भंवर बलाई, महावीर बैरवा, पप्पू लुहार, पप्पू बैरवा, विनोद बैरवा व कन्हैयालाल बैरवा शामिल हैं। इन लोगों ने शनिवार रात अपनी पीड़ा भीलवाड़ा हलचल के समक्ष दूरभाष पर बयां की। बिलखते लोगों ने हलचल को बताया कि वे, 4 माह पहले कमाने-खाने के लिए कर्नाटक के अनंतापुर में गन्ना ज्यूस की लॉरियां लेकर गये थे। वे, तभी से वहां रखकर अपना गुजर-बसर कर रहे थे। इस बीच, अचानक करोना का कहर बरपने लगा। इसके चलते उन्हें अपने साथ ही भीलवाड़ा में रह रहे परिजनों की चिंता सताने लगी।
कोरोना कहर से भयभित होकर 3 दिन पहले उन्होंने अंतापुर छोड़ दिया और पैदल ही अपने गांव के लिए निकल पड़े। जैसे-तैसे भूखे-प्यासे रहकर उन्होंने पैदल ही करीब ढाई सौ किलोमीटर का सफर तय कर लिया और आज वे, हॉसपेट जिले के बलारी तक पहुंच गये, जहां पुलिस ने उन्हें घेर लिया और आगे बढऩे नहीं दिया। पुलिस उन्हें पुन: कर्नाटक में ही अपने ठिकाने पर लौटने की हिदायत दे रही है। ऐसे में सुबह से वे, सभी आठ लोग वहीं बैठकर मदद की गुहार लगा रहे हैं। होटल ढाबे बंद होने से वे खाना भी नहीं खा सके। इन लोगों ने बिलखते हुये राजस्थान सरकार और भीलवाड़ा प्रशासन व जनप्रतिनिधियों से मदद की गुहार लगाई है।
ऐसे ही कुछ और लोग उत्तराखंड में भी फंसे है। ये लोग पोटलां और सहाड़ा क्षेत्र के हैं, जो रोजगार के लिए वहां गये थे और अब बूरी तरह फंस चुके हैं। इन लोगों को सरकार व जिला प्रशासन से मदद मिलने का इंतजार है।
आपकों बता दें कि भीलवाड़ा जिले के सैकड़ों लोग देश के विभिन्न प्रदेशों में आईस्क्रीम, भेल-पूड़ी सहित अन्य काम-धंधों के लिए गये हुये हैं, जो भय, भूख और भविष्य की अनिश्चितता में वहां से अपने इलाकों को छोड़कर अपने गांव लौट रहे हैं। पहले कुछ लोग पैदल ही अपने गांवों की तरफ लौटने लगे हैं। लगातार लोगों के आने का सिलसिला जारी है। लेकिन संशाधन नहीं मिलने से इनकी हालत दयनीय हो चुकी है।
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