आरएसएस सप्ताह में एक बार परिवार बैठक करेगा
जयपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की सोमवार को जयपुर में हुई बैठक में कोरोना काल में परिवारों में हुई कुटुम्ब गतिविधि से समाज में जो उत्साह बना है, उसे ध्यान में रखकर सप्ताह में एक बार परिवार बैठक करने का निर्णय लिया गया। आरएसएस प्रमुख डॉ. मोहन भागवत व सर कार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी की मौजूदगी में हुई बैठक में सामाजिक, धार्मिक व सांस्कृतिक विषयों पर जन जागरण करने के लिए सप्ताह में एक बार परिवार बैठक को आवश्यक माना गया। प्रशासनिक नियमों व सामाजिक अनुशासन का पालन करते हुए आरएसएस कार्य को बढ़ाने को लेकर मंथन हुआ। संघ की शाखाओं के विस्तार पर भी इस दौरान चर्चा हुई इस मौके पर आरएसएस के स्वयंसेवकों द्वारा कोरोना काल में समाज के वंचित व अभावग्रस्त लोगों के लिए किए गए कार्यों पर प्रकाशित पत्रिका "पाथेय कण" का भागवत ने विमोचन किया। जयपुर के अंबाबाडी स्थित स्वस्तिक भवन में आयोजित हुए कार्यक्रम में संघ के क्षेत्र संघचालक डॉ. रमेश ने बताया कि पिछले 36 साल से प्रखर हिंदू विचार की यह पत्रिका प्रकाशित हो रही हैॉ। यह पत्रिका 20 हजार गांव और शहरों तक पहुंचती है।
आरएसएस की कार्यकारी मंडल की बैठक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की राजस्थान क्षेत्र की रविवार को जयपुर में हुई। प्रतिवर्ष होने वाली इस बैठक में 400 वरिष्ठ स्वयंसेवक शामिल होते हैं,लेकिन इस बार कोरोना महामारी की गाइडलाइन के कारण 40 स्वयंसेवक ही शामिल हुए। संघ प्रमुख मोहन भागवत व सर कार्यवाह सुरेश भैय्याजी जोशी की मौजूदगी में हुई बैठक में कोरोना काल में हुए सेवा कार्याें की समीक्षा की गई।इसके साथ ही आगामी दिनों में सेवा-स्वावलंबन व परामर्श कार्यों और अनलॉक के बाद शाखाएं प्रारंभ करने को लेकर चर्चा हुई। शाखाओं के विस्तार को लेकर विभागवार योजना बनाई गई। पर्यावरण व परिवार प्रबोधन की गतिविधियों से जुड़े कार्यों की रूपरेखा तय की गई। बैठक में उत्तर-पश्चिम क्षेत्र एवं तीन प्रांतों के संघचालक, कार्यवाह व प्रांत प्रचारक मौजूद थे। बैठक के बाद स्वस्तिक भवन में अहोई अष्टमी पर हवन-पूजन किया गया। भागवत ने यज्ञ में पूर्णाहुति दी। इस मौके पर गौमय दीपकों व सेवाभारती द्वारा बनाई गई स्वदेशी निर्मित वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई गई।
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